सवर्णों के लिए आरक्षण को लेकर मोदी सरकार मंगलवार को संसद में संविधान संशोधन विधेयक पेश कर सकती है. थावरचंद गहलोत विधेयक पेश कर सकते हैं. मंगलवार को ही संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है. बता दें कि इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई. माना जा रहा है कि सरकार इसी सत्र में संशोधन विधेयक पेश कर माइलेज लेना चाहेगी.
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कई राज्यों में सवर्ण आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं। हाल में तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा को मिली हार के पीछे सरकार के खिलाफ सवर्णों की नाराजगी को भी जिम्मेदार माना जा रहा था. इसी कारण केंद्र सरकार ने सवर्णों को खुश करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों के लिए आरक्षण को मंजूरी दी है. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इसे मोदी सरकार का बड़ा ट्रंप कार्ड माना जा रहा है. हाल के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को मिली हार के बाद से लगातार कयास लगाए जा रहे थे कि मोदी सरकार कोई बड़ा कदम उठा सकती है.
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माना जा रहा है कि सरकार ने पिछले साल एससी-एसटी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद किए गए प्रावधानों को केंद्र सरकार ने संशोधन विधेयक के जरिए फिर से बहाल कर दिया था. सरकार के इस कदम से सवर्ण काफी नाराज थे. सवर्णों ने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया था. भारत बंद भी किया गया था. इस दौरान मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई हिस्सों में थोड़ी बहुत हिंसा भी हुई थी. उसके बाद से सवर्णों ने विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए सोशल मीडिया पर नोट को वोट देने का अभियान चलाया. उसका असर दिखा भी. मध्य प्रदेश में बीजेपी के कई प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट मिले और अपने ही गढ़ से बीजेपी को बेदखल होना पड़ा.
Source : News Nation Bureau