प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विज्ञान भवन में पहले अंतर्राष्ट्रीय जैव कृषि विविधता सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रकृति, हमारे समाज और हमारे पूर्वजों से शुरू हुए रिवाजों का गहरा संबंध है। आज समय आ गया है कि हम जैव कृषि विविधता और इस पर निर्भर जीवों के सरंक्षण पर ध्यान दें।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात का भी जिक्र किया कि भारत जैव कृषि विविधता का भंडार है और हर देश को एक दूसरे से सीखने की जरूरत है।
दिल्ली में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में 60 देशों के 900 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। ये सम्मेलन 9 नवंबर तक चलेगा।
इस सम्मेलन में जैव विविधता के संरक्षण और एक-दूसरे की जानकारियों को साझा करने पर विचार विमर्श होगा।