प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को आज एक ऐसी हस्ती करार दिया जो कभी दबाव में नहीं झुके और न ही विषम परिस्थितियों में कभी निराश हुए। वाजपेयी की याद में आयोजित एक प्रार्थना सभा में मोदी ने कहा कि यह वाजपेयी ही थे जिन्होंने परिस्थितियों को उस समय बदल दिया जब कुछ देश कश्मीर के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कहा, 'वाजपेयी जी की वजह से आतंकवाद वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया।' मोदी ने 1996 में राजग की अल्पकालिक सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि जब वाजपेयी ने 13 दिन के लिए सरकार बनाई तो कोई पार्टी उनका समर्थन करने को तैयार नहीं थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'सरकार गिर गई। उन्होंने (वाजपेयी) उम्मीद नहीं खोई और लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहे।' उन्होंने कहा कि गठबंधन राजनीति के समय वाजपेयी ने मार्ग दिखाया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वाजपेयी सरकार ने तीन राज्यों-झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड का गठन किया तो प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई और इस दौरान कोई कड़वाहट नहीं दिखी।
मोदी ने मई 1998 के परमाणु परीक्षणों का जिक्र करते हुए कहा कि वाजपेयी के प्रयासों से भारत का परमाणु शक्ति बनना सुनिश्चित हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने परीक्षणों का श्रेय देश के वैज्ञानिकों को दिया। दो दिन बाद भारत ने फिर परीक्षण किए और दिखाया कि एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व क्या कर सकता है।
मोदी ने कहा, 'वह (वाजपेयी) कभी भी दबाव में नहीं झुके। आखिरकार वह अटल थे।' उन्होंने यह भी कहा कि वाजपेयी ने कभी भी अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने खुद को सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया और उन्हें संसदीय परंपराओं पर गर्व था। वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 93 साल की उम्र में गत 16 अगस्त को निधन हो गया था। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे।
Source : News Nation Bureau