पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ गलत बर्ताव किया जा रहा है और हम हिंदुस्तान को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों से कैसे बर्ताव करते हैं. इमरान खान का यह बयान एक्टर नसीरुद्दीन शाह के बयान से जोड़कर देखा गया. उन्होंने कहा था कि वो बच्चों को लेकर देश में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बुलंदशहर में बीते दिनों हुए घटना के बारे में बोलते हुए शाह ने कहा था कि इंसान के हत्यारे की जगह गाय के हत्यारों को पकड़ने को तरजीह दी जा रही है.
अपने बयान से आलोचना झेलने वाले नसीरुद्दीन शाह ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को जवाब दिया. नसीरुद्दीन ने कहा कि वह पहले अपना घर संभाले और भारत के अल्पसंख्यकों की चिंता छोड़ दें.
शाह के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इमरान खान को नसीहत दे डाली. ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, 'पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक तो सिर्फ मुस्लिम ही वहां का राष्ट्रपति बन सकता है, जबकि भारत ने वंचित तबके से आने वाले कई राष्ट्रपतियों को देखा है.’
ओवैसी ने कहा है कि इमरान खान को समावेशी राजनीति और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में भारत से सीखना चाहिए.
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बीजेपी ने भी इमरान खान के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 1947 में अस्तित्व में आने के बाद से ही पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के संवैधानिक, लोकतांत्रिक एवं धार्मिक अधिकारों को बेरहमी से कुचलने का काम किया. जिसको लेकर पूरे विश्व ने समय समय पर चिंता व्यक्त की है.
Source : News Nation Bureau