केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच आईटी के नए कानून को लेकर विवाद चल रहा है. आए दिन ट्विटर कोई ना कोई ऐसी हरकत जरूर करता है. जिसकी वजह से देश सियासत भी गर्म हो जाती है. जहां बीते मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया है. वहीं, अब ट्विटर पर प्रोनोग्राफी कंटेंट के खिलाफ अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने नोटिस जारी किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने मामले की जांच के लिये पुलिस कमिश्नर को कहा है. बता दें कि यह केस नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) की शिकायत पर दर्ज हुआ है.
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यह मामला चाइल्ड प्रोनोग्राफी से जुड़ा हुआ है. ट्विटर के खिलाफ पोस्को एक्ट (Posco Act) और आईटी एक्ट के तहत दिल्ली में मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि ट्विटर पर बच्चों की अश्लील सामग्री लगातार डाली जा रही थी. वहीं, इस मामले पर ट्विटर ने सफाई दी है. ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि बाल यौन शोषण (CSE) के लिए Twitter की जीरो टॉलरेंस नीति है। हम ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने वाली सामग्री का सक्रिय रूप से पता लगाने और हटाने में निवेश करना जारी रखेंगे और इस मुद्दे से निपटने के लिए भारत में कानून प्रवर्तन और एनजीओ भागीदारों के साथ काम करेंगे.
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बता दें कि इससे पहले भी एनसीपीसीआर (NCPCR) ने शिकायत की थी. इस मामले में एनसीपीसीआर ने डीसीपी साइबर सेल को भी 29 जून को पेश होने के आदेश दिए थे. एनसीपीसीआर ने दो पत्र लिखे थे. एक पत्र एक साइबर सेल और दूसरा सीपी दिल्ली पुलिस को लिखा गया था. इससे पहले यूपी पुलिस ने गाजियाबाद में एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई के मामले में भी सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को कानूनी नोटिस भेजा था. माहेश्वरी को नोटिस जारी करते हुए बताया गया था कि लोनी थाने में ट्विटर इंडिया के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज है. वैसे इस मामले में ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी को कोर्ट से कुछ राहत मिली है.
HIGHLIGHTS
- ट्विटर पर प्रोर्नोग्राफी कंटेंट के खिलाफ NWC ने जारी किया नोटिस
- प्रोर्नोग्राफी कंटेंट मामले पर ट्विटर ने दी सफाई
- बाल यौन शोषण (CSE) के लिए Twitter की जीरो टॉलरेंस नीति है