राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्र एवं उत्तर प्रदेश की एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे कल अदालत में मौजूद रहें और कानपुर के नालों से गंगा में गिरने वाले जलमल के बारे में सवालों का जवाब दें ।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश जल निगम के अधिकारियों को नदी जल में कचरा बहाये जाने के विषय पर अदालत में मिलने का निर्देश दिया ।
हरित पैनल ने इन्हें निर्देश दिया है कि वे गंगा में कुल जलमल उत्सर्जन और कानपुर के नालों से होने वाले उत्सर्जन के बारे में जानकारी दें और राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकार एवं अन्य योजनाओं के तहत जलमल शोधन संयंत्र की स्थिति के बारे में भी बतायें।
पीठ ने कहा, 'हम वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, संबंधित नगर निगम से एनजीटी कोर्ट नंबर 1 में मिलने का निर्देश देते हैं। सभी अधिकारियों और उनके वकीलों को बैठक में हिस्सा लेना होगा और सवालों के जवाब देने होंगे।'
न्यायाधिकरण ने सभी पक्षों से अपने जवाब तैयार रखने को कहा और मामले की सुनवाई एक मार्च के लिए निर्धारित कर दी।
Source : News Nation Bureau