कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाई कोर्ट इस साल मार्च में आयकर विभाग द्वारा जारी किए गए वर्ष 2011-12 के लिए आयकर पुनर्मूल्यांकन नोटिस को लेकर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आयकर विभाग ने कहा कि राहुल गांधी ने यंग इंडिया के निदेशक पद के बारे में नहीं बताया था। हालांकि राहुल गांधी के वकील ने कहा कि कंपनी में किसी तरह का आय नहीं था इसलिए किसी टैक्स की देनदारी नहीं बनती है।
बता दें कि राहुल गांधी ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें यंग इंडिया की जांच आयकर विभाग द्वारा कराए जाने की इजाजत दी थी। वहीं आयकर विभाग ने कोर्ट के सामने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड को 99 करोड़ रुपये दिए थे।
आयकर विभाग ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने जानबूझकर यंग इंडिया (वाईआई) में अपने निदेशक पद के बारे में खुलासा नहीं किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वह यह निर्णय करेगी कि क्या वे (राहुल गांधी) किसी इन जानकारियों का खुलासा करने या नहीं करने के लिए किसी दवाब में थे।
राहुल गांधी ने वकील ने अदालत से इस मामले की प्रकाशन के लिए मीडया पर रोक लगाने की भी मांग की हालांकि कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने को खारिज कर दिया।
बता दें कि इससे पहले यंग इंडिया ने अदालत से समीक्षा वर्ष 2011-12 के लिए आयकर अधिनियम की धारा 156 के तहत 249.15 करोड़ रुपये की कर और ब्याज वसूली के लिए 27 दिसंबर को जारी की गई नोटिस पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
कंपनी ने कहा था कि वह एक चैरिटेबल संस्था है और इसकी कोई आय नहीं है और आयकर विभाग ने गलत तरीके से समीक्षा वर्ष 2011-12 के लिए 249 करोड़ रुपये की मांग की है।
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गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने वाईआई द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। एजेएल नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी थी। वाईआई कंपनी में सोनिया गांधी व राहुल गांधी के पास 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है।
Source : News Nation Bureau