एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने शनिवार को दिल्ली में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दोनों के बीच ये मुलाकात करीब एक घंटे तक चली. इसके बाद सियासी गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया. हालांकि, दोनों के बीच क्या बातचीत हुई अभी ये साफ नहीं हो पाया है. मानसून सत्र से पहले इस मुलाकात के सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं. ध्यान दें कि दो दिन पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शरद पवार से उनके घर पर मुलाकात की थी. इसके बाद 16 जुलाई को शरद पवार केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे.
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बता दें कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में चल रही सियासी उठापटक के बीच पीएम मोदी से एनसीपी चीफ शरद पवार की मुलाकात ने राजनीतिक पंडितों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. महाराष्ट्र के सियासी भविष्य को लेकर भी तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. पिछले दिनों ही शरद पवार को विपक्ष की ओर राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने की खबर आई. हालांकि इस खबर को लेकर शरद पवार ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है कि मैं राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बनूंगा. मुझे पता है कि जिस पार्टी के पास 300 से ज्यादा सांसद हैं, उसे देखते हुए क्या नतीजा होगा.
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माना ये भी जा रहा है कि इस बैठक में आगामी संसद सत्र को लेकर चर्चा हुई होगी. राजनीतिक जानकारों का ये भी कहना है कि जिस तरह से शरद पवार ने कृषि कानून, फिर 2024 के चुनाव में विकल्प के तौर पर नेतृत्व करने और राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार होने पर यू टर्न ले लिया है, उस से ये भी कयास लगाए जा रहे है कि क्या एनसीपी बीजेपी से परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सुलह कर सकती है.
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HIGHLIGHTS
- प्रधानमंत्री से एनसीपी प्रमुख ने की मुलाकात
- इस मीटिंग के निकाले जा रहे सियासी मायने
- शरद पवार 16 जुलाई को रक्षामंत्री से मिले थे