देशभर में 10 लाख बैंककर्मी मंगलवार को हड़ताल पर हैं, जिसके चलते देशभर के बैंकों में कामकाज ठप है। सरकार के 'जन-विरोधी बैंकिंग सुधारों' के खिलाफ हड़ताल का आह्वान 'यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स' (यूएफबीयू) ने किया है, जिसमें 9 संगठन शामिल हैं।
यूएफबीयू ने कर्मचारियों को नोटबंदी के कारण ज्यादा काम करने के लिए अधिक मेहनताना दिए जाने की भी मांग की है।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच. वेंकटचालम ने कहा, 'व्यावसायिक बैंकों की करीब 85,000 शाखाएं, सहकारी बैंकों की 1,05,000 शाखाएं और अन्य बैंक भी हड़ताल पर हैं।'
विधानसभा चुनाव 2017 से जुड़ी हर बड़ी खबर के लिए यहां क्लिक करें
उन्होंने बताया कि हड़ताल के कारण 40 लाख चैकों की निकासी रुकी हुई है, जिससे करीब 22,000 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित होगा।
हड़ताल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक, पुरानी पीढ़ी के सभी निजी बैंक, विदेशी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा सहकारी बैंकों के कर्मचारी शामिल हैं।
वेंकटचालम ने कहा कि संघ की मांगों का कोई हल न निकलने पर यह कदम उठाया गया है। मुख्य श्रम आयुक्त के साथ 21 फरवरी को हुई बैठक में भी कोई हल नहीं निकला, क्योंकि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने एआईबीईए की मांगों को मांगने से इंकार कर दिया।
अधिकांश सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को सूचित कर दिया था कि अगर मंगलवार को हड़ताल हुई तो शाखाओं और कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहेगा।
आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और ऐक्सिस बैंक समेत प्रमुख निजी बैंक संघ का हिस्सा नहीं हैं और उनमें सामान्य कामकाज जारी रहेगा, लेकिन चेकों की निकासी नहीं होगी। इसके अलावा कैश लेनदेन भी प्रभावित रह सकता है।
और पढ़ें: गुरमेहर कौर मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, ABVP ने पुलिस को लिखा पत्र
Source : IANS