बीजू जनता दल के प्रमुख और ओडिशा के पूर्व उप मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने रथ यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र की मूर्ति के गिरने के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि रथयात्रा के हजारों वर्षों के इतिहास में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना पहले कभी नहीं सुनी गई. जगन्नाथ रथ यात्रा के प्रेमियों को इस हादसे से दुख पहुंचा है. गुडिंचा मंदिर में जो भी हुआ है, उससे दुनिया भर के भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. मैं भी घटना से बहुत दुखी हुआ. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस तरह की चूक आगे फिर कभी नहीं होगी.
पूर्व सीएम ने पत्र में आगे कहा कि महाप्रभु जगन्नाथ ओडिशा के लोगों के सर्वोच्च संरक्षक हैं. वे हमारी आस्था की धुरी हैं. भगवान जगन्नाथ ओडिशा की अस्मिता के प्रतीक हैं. महाप्रभु ओडिशा के मुकुट रत्न हैं. महाप्रभु ब्रह्मांड के भगवान हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रियों की टिप्पणियों ने जगन्नाथ प्रेमियों के दुख को दोगुना कर दिया है.
कानून मंत्री के बयान का पूर्व सीएम ने किया जिक्र
बता दें, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बुधवार को कहा था कि बाहुड़ा यात्रा सहित रथ यात्रा अनुष्ठानों का भविष्य में सुचारू रूप से संचालन किया जाएगा. यह एक मामूली घटना है. जानकारी मिली है कि रथ पर कुछ गैर-सेवक खड़े थे. देवता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
जानें क्या हुआ था हादसा
दरअसल, महाप्रभु जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का रथ गुंडिचा माता मंदिर पहुंचा तो तीनों देवताओं की प्रतिमाओं को रथ से उतारकर अडापा मंडप ले जाया जा रहा था. इस दौरान मंदिर के सेवक भगवान बलभद्र को झुलाते हुए उतार रहे थे. इस दौरान मूर्ति अस्थाई रैंप पर उतारते हुए फिसल गई, जो सेवकों पर जा गिरी. हालांकि, जैसे ही मूर्ति गिरी, वैसे ही बचाव कर्मी अलर्ट हो गए. उन्होंने अन्य सेवकों के साथ मिलकर मूर्ति को उठाया. घायलों को इलाज के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया. हादसे पर मुख्यमंत्री मोहन माझी ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कानून मंत्री पार्थिराज हरिचंदन को मौके पर भेजा है. उन्होंने कैबिनेट मंत्री को घटना का जायजा लेने का निर्देश दिया है. सीएम ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की है.
Source : News Nation Bureau