1988 के रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट की एक साल की सजा के बाद जेल भेजे गए पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की सुरक्षा में गंभीर चूक सामने आ रही है. शुक्रवार को सिद्धू ने आत्मसमर्पण कर दिया था और तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें शनिवार को बैरक में बंद कर दिया गया. सुरक्षा में भारी चूक की स्थिति यह रही कि सिद्धू को जिस बैरक में रखा गया, वहां ड्रग्स तस्करी और अवैध हथियारों के मामले में बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह भी कैद थे. यही नहीं, सिद्धू पंजाब में ड्रग्स को लेकर पहले भी बेबाक बयान देते आए हैं. ऐसे में ड्रग्स तस्करी के हाई-प्रोफाइल मामले के आरोप के साथ उन्हें रखना उनकी सुरक्षा के साथ किया गया बड़ा खिलवाड़ है.
ड्रग विरोधी पर मुखर हैं सिद्धू
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला जेल की लाइब्रेरी बैरक नंबर 10 में रखा गया था. बर्खास्त सीआईए इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह के घर से 2017 में एके-47 सहित अवैध हथियार और नशीला पदार्थ बरामद किया गया था. उन्हें सिद्धू के बैरक में ही रखा गया था. जेल विभाग के एक सूत्र ने कहा कि पंजाब की जेलों में पहले भी हत्याएं हो चुकी हैं और सिद्धू अपने ड्रग्स विरोधी रुख के कारण ऐसे लोगों की हिट लिस्ट में हैं. सिद्धु पंजाब की राजनीति में नशे और नशीले पदार्थों के तस्करों के खिलाफ जोरदार ढंग से आवाज उठाते रहे हैं.
पंजाब में ड्रग तस्करी का हाईप्रोफाइल मामला
सिद्धू की सुरक्षा में चूक के मामले पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि पटियाला जेल प्रशासन को सिद्धू के साथ बैरक साझा करने वाले कैदियों की पृष्ठभूमि की जांच करनी चाहिए थी. मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ उनके रुख को देखते हुए उनके आसपास के लोगों पर भी नजर रखने की जरूरत है. गौरतलब है कि पंजाब में ड्रग्स तस्करी के मामले में कई दिग्गज अधिकारियों समेत नेताओं के तार खंगाले जा रहे हैं. शिअद नेता शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की सुरक्षा पर भी इस घटना से गंभीर सवाल खड़ा हो गया है.
HIGHLIGHTS
- जेल में ड्रग तस्करी के आरोपी संग बैरक में रखा गया
- पंजाब में ड्रग्स के खिलाफ मुखर आवाज हैं सिद्धू