न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने समाचार चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग को अस्थायी रूप से निलंबित करने के ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) के निर्णय को साहसिक कदम बताया. इसके साथ ही एनबीए ने रेटिंग एजेंसी से आग्रह किया कि जो सूचना वह एकत्र करती है, उसकी विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए अपनी व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव करे. बीएआरसी ने कथित रूप से फर्जी टीआरपी घोटाले के बाद समाचार चैनलों की रेटिंग को अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की. बीएआरसी ने कहा कि काउंसिल सांख्यिकीय मजबूती में सुधार के लिए माप के वर्तमान मानकों की समीक्षा करने और उन्हें बेहतर बनाने का इरादा रखती है, और इस कवायद के चलते साप्ताहिक रेटिंग 12 सप्ताह तक स्थगित रहेगी.
बीएआरसी ने कहा इस कवायद के तहत तत्काल प्रभाव से सभी हिंदी, क्षेत्रीय, अंग्रेजी और बिजनेस न्यूज चैनल आयेंगे. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एनबीए ने कहा कि वह समाचार चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग को अस्थायी रूप से निलंबित करने के बीएआरसी के फैसले का स्वागत करता है. समाचार प्रसारकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एनबीए ने एक बयान में कहा कि वह मानता है निलंबन एक सही दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. एनबीए ने कहा कि बीएआरसी को इन 12 सप्ताह का इस्तेमाल अपनी प्रणाली में आमूल चूल परिवर्तन करने और एकत्र की गई सूचना की विश्वनीयता को बनाये रखने में करनी चाहिए.
एनबीए के अध्यक्ष रजत शर्मा ने कहा, भ्रष्ट, समझौतावादी, तर्कहीन रूप से उतार-चढ़ाव वाला डेटा भारत क्या देखता है, इस बारे में झूठी कहानी बना रहा है और पत्रकारिता मूल्यों और पत्रकारिता के आदर्शों के विपरीत संपादकीय फैसले लेने के लिये हमारे सदस्यों पर दबाव डाल रहा है. उन्होंने कहा, दूषित, अपशब्द और फर्जी खबरों का मौजूदा माहौल लंबे समय तक नहीं चलने वाला और भारतीय प्रसारण मीडिया के संरक्षक और अभिभावक के रूप में एनबीए का मानना है कि समाचार चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग को अस्थायी रूप से निलंबित करने संबंधी साहसिक कदम से साम्रगी को सुधारने में मदद मिलेगी. शर्मा ने कहा कि कई वर्षों से, एनबीए टीवी दर्शकों के डाटा की सत्यता के बारे में अपनी चिंताओं को उजागर कर रहा है.
उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि बीएआरसी में महत्वपूर्ण सुधारों को लागू करने के लिए निलंबन की अवधि का उपयोग किया जाएगा. दर्शकों के आंकड़े की सुरक्षा के लिये इसके संग्रह में मानव हस्तक्षेप को पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए. मुंबई पुलिस ने कथित रूप से फर्जी टीआरपी घोटाले मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. मुंबई पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में घोटाले का भंडाफोड़ किया था. गिरफ्तार किए गए लोगों में समाचार चैनलों के कर्मचारी भी शामिल हैं, जबकि पुलिस इस संबंध में अर्नब गोस्वामी के नेतृत्व वाले रिपब्लिक मीडिया समूह के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है. रिपब्लिक टीवी ने हालांकि, कुछ भी गलत करने से इनकार किया है.
Source : News Nation Bureau