महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार का कहना है कि उनकी पार्टी एनसीपी विधानसभा चुनाव कांग्रेस और उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के साथ मिलकर लड़ेगी. महाराष्ट्र में इस साल अक्तूबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पवार का कहना है कि विधानसभा चुनावों में छोटे सहयोगियों के हितों की रक्षा करना मुख्य विपक्षी दलों की नैतिक जिम्मेदारी है. बता दें, लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी के बैनर तले चुनाव लड़ा था. महागठबंधन ने 2019 से 2022 तक महाराष्ट्र में शासन भी किया था.
गठबंधन को लेकर अब तक कोई बात नहीं
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि जैसे महाभारत में अर्जुन का निशाना मछली की आंख थी, ठीक वैसे ही हमारी नजर विधानसभा चुनाव पर ही केंद्रित है. उन्होंने बताया कि फिलहाल गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई बात नहीं हुई है. हम जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान हमने देखा कि लोगों ने महाविकास अघाड़ी पर विश्वास जताया है.
बजट पर बोल शरद पवार
विधानसभा में पेश किए गए बजट के सवाल पर उन्होंने कहा कि आप बाजार खाली जेब लेकर जाएंगे तो क्या होगा. कुछ दिनों की बात है बर असलियत सामने आ जाएगी. बता दें, उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने दो दिन पहले बजट पेश किया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर माह 1500 रुपये का भत्ता दिया जाएगा. परिवार को तीन मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे.
बिना सीएम फेस ही चुनाव लड़ेगा गठबंधन
पवार ने एक दिन पहले कोल्हापुर में संवाददाताओं को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि चुनाव में हमारा गठबंधन ही हमारा सामूहिक चेहरा रहेगा. एक व्यक्ति गठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बन सकता. हमारा एक ही फॉर्मूला है- सामूहिक नेतृत्व. हमारे सहयोगी इस संबंध में निर्णय लेंगे. उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान, गठबंधन में आम आदमी पार्टी और किसान और श्रमिक पार्टी ऑफ इंडिया जैसे सहयोगियों को शामिल किया जा सकता है. पवार ने इसके अलावा कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने अपने भाषण में आपातकाल का जिक्र किया, यह गलत है. यह सब चीजें अध्यक्ष पद के लिए सही नहीं है. राष्ट्रपति महोदया ने भी अपने भाषण में इस मुद्दे का जिक्र किया था, वह जरूरी नहीं था.
Source : News Nation Bureau