प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में सोमवार को कहा कि उनकी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम कर रही है।
पीएम मोदी ने पूर्ववर्ती केंद्र सरकारों और राज्य सरकारों पर कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के लिए कोई ठोस फैसला न लेने का भी आरोप लगाया। मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'एमएसपी बढ़ाने की मांग हर सरकार के सामने रखी गई। कई आयोग और समितियों का गठन हुआ, लेकिन हर बार फैसले टाले गए। फाइलों का अंबार लगता गया।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसान मांग करते रहे और इसके लिए उनका प्रदर्शन चलता रहा, लेकिन न तो राज्य सरकारों और न ही दिल्ली की सत्ता में बैठे लोगों ने किसानों की बातें सुनीं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सत्ता में आने पर हमने लागत को डेढ़ गुना एमएसपी प्रदान करने का फैसला किया।'
मोदी ने कहा, 'फसलों के एमएसपी में वृद्धि होने से पश्चिम बंगाल के भी किसान सशक्त होंगे।'
केंद्र सरकार ने हाल ही में फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के लिए अधिसूचित खरीफ फसलों के एमएसपी में लागत के मुकाबले 50 फीसदी वृद्धि की घोषणा की है।
पीएम मोदी ने रैली के दौरान ममता बनर्जी सरकार पर पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का गला घोंटने और सिंडीकेट को बढ़ावा देने का भी आरोप लिया।
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उन्होंने कहा, 'मेरी सरकार आपकी सरकार है, यह किसानों की सरकार है। हमारी सरकार किसानों के लिए काम करती है... गुणवत्तापूर्ण बीजों से लेकर बाजार उपलब्ध कराने तक, उत्पाद को सुरक्षित रखने के लिए गोदामों (भंडारगृहों) का होना आवश्यक है।'
राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सिंडीकेट की अनुमति के बिना कुछ हासिल नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, 'राज्य में लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है।'
तृणमूल कांग्रेस सरकार पर किसानों के लिए काम करने का दबाव डालते हुए, मोदी ने कहा , 'आशा करता हूं कि पश्चिम बंगाल सरकार किसानों के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। हम चाहते हैं कि हमारे किसान अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग करें।'
मोदी ने कहा, 'मेरी सरकार आपकी सरकार है और यह किसान हितैषी सरकार है।'
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार नीतिगत सुधार लाती रही है, जिसका मकसद लोगों के जीवन-निर्वाह को सुगम बनाना और किसानों की जरूरतों का ध्यान रखना व समाज में हासिए पर रहने वालों को योजनाओं का समुचित लाभ पहुंचाना है।
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Source : News Nation Bureau