बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों में एनडीए के बहुमत की ओर जाने के बाद यहां भाजपा मुख्यालय पर जश्न की तैयारियां शुरू हो गईं हैं. पार्टी शाम छह बजे से आयोजन करने की तैयारी में है. भाजपा के युवा मोर्चा की ओर से ढोल, नगाड़े, साउंड सिस्टम आदि की व्यवस्था पार्टी कार्यालय पर इस वक्त हो रही है. बिहार चुनाव में कई एग्जिट पोल को गलत ठहराते हुए एनडीए की सरकार बनती दिख रही है. अब तक के रुझानों के मुताबिक कुल 243 में से 133 सीटों पर एनडीए और 99 सीटों पर महागठबंधन को बढ़त मिली है. राज्य में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 122 सीटों का है.
इस प्रकार अब रुझानों के मुताबिक एनडीए को बहुमत मिलता दिख रहा है. हालांकि दो दर्जन सीटों पर कांटे की टक्कर है. ऐसे में आगे कुछ सीटों के इधर-उधर होने की भी संभावनाएं हैं. मध्य प्रदेश और गुजरात विधानसभा उपचुनावों में भी भाजपा की अच्छी-खासी बढ़त है. ऐसे में पार्टी बड़ा जश्न मनाने की तैयारी में है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित शीर्ष नेता कार्यकतार्ओं को संबोधित कर उनमें जोश भरेंगे. भाजपा बिहार के नतीजों को लेकर और स्थिति साफ होने का इंतजार कर रही है. शाम छह बजे से पार्टी जश्न मना सकती है. इसके लिए पार्टी मुख्यालय पर लाइटिंग आदि की सारी व्यवस्थाएं हो रहीं हैं.
यह भी पढ़ें-अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष अजित चौधरी का दावा, बिहार का सीएम बीजेपी से
शाम तक पता चलेगा कौन बनेगा मुख्यमंत्रीः कैलाश विजयवर्गीय
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सुबह एक चैनल से बातचीत के दौरान बताया था क, 'अभी तो मैं यही कहूंगा कि नीतीश जी मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन शाम तक परिणाम आने के बाद क्या राजनीतिक स्थिति बनती है, वो देखेंगे.' विजयवर्गीय का बयान एक इशारा है कि बीजेपी बिहार में सरकार का नया मुखिया भी तय कर सकती है. बीजेपी नेता विजयवर्गीय ने कहा, 'काम नीतीश जी का बहुत अच्छा था. दुष्प्रचार के कारण जेडीयू का थोड़ा सो वोट जरूर कम हुआ है. लेकिन (नरेंद्र) मोदी जी जादू है, बीजेपी का स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा है.' उन्होंने कहा कि जो रुझान आ रहे हैं, वो मोदी का असर है.
यह भी पढ़ें-बिहार: आरजेडी कार्यालय में पसरा सन्नाटा, बीजेपी, जेडीयू कार्यालय में जश्न
पीएम की रैलियों से बदला बिहार का माहौल
कोरोना काल में महानगरों से वापस लौटे बिहार के लोगों की बेरोजगारी और बाढ़ के बाद जनता में नीतीश सरकार के प्रति नाराजगी दिखाई दे रही थी. इसके अलावा सीएम नीतीश के प्रति एंटी इनकंबेसी का फैक्टर भी काम कर रहा था. जनता की इस नाराजगी को देखते हुए एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान ने सही समय पर पाला बदल लिया और वो एनडीए से बिहार में अलग हो गए और ऐलान कर दिया कि वो नीतीश के फेस पर बिहार में एनडीए के सहयोगी नहीं रहेंगे. ऐसे नाजुक समय पर बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार में एंट्री हुई और रैलियों में दमदार तरीके से गठबंधन की बात रखकर माहौल को बदल दिया.
Source : News Nation Bureau