देश में जब भी किसी प्रकार की कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो सबसे पहले एनडीआरएफ से सहायता मांगी जाती है. रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर तमाम तरह के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और उन्हीं के बेहतरीन काम की वजह से कई लोगों की जान बच पाती है. अब जब देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर से लड़ रहा है, ऐसे मुश्किल समय में भी एनडीआरफ आगे आ कर अपने हिस्से की लड़ाई लड़ रही है. देश को कोरोना के दूसरे लहार से बचाने में एनडीआरफ भी काफी सक्रीय है. देश में विदेश से आ रहे ऑक्सीजन प्लांट और उसके सप्लाई में एनडीआरफ अहम् भूमिका निभा रही है. एनडीआरफ की वजह से कई अस्पतालों तक समय रहते ऑक्सीजन प्लांट पहुंच रहे हैं.
कोरोना की लड़ाई में NDRF की भूमिका
कोरोना काल में जब पूरा देश ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है ऐसे ऐसे में विभिन्न मित्र देशों द्वारा भारत को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. ऐसे में एनडीआरएफ विदेशों से प्राप्त ऑक्सिजन प्लांटों को आवश्यक स्थानों पर सुरक्षित पहुंचाने तथा स्थापित करवाने में आवश्यक सहायता प्रदान कर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. इस कड़ी में 5 मई को अमेरिका से मेडिकल सहायता के तौर पर भारत को एक ऑक्सीजन प्लांट प्राप्त हुआ जिसे पहले ईएसआईसी अस्पताल ओखला दिल्ली में लगाया जाना था. परंतु बाद में इस प्लांट को ईएसआईसी झिलमिल नई दिल्ली में स्थापित करने का फैसला लिया गया. इसी क्रम में 9 मई को इस प्लांट को ईएसआईसी झिलमिल में एनडीआरएफ द्वारा स्थापित करवा दिया गया. यह प्लांट 200 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन तैयार करने की क्षमता रखता है जो कि 40 बेड के अस्पताल के लिए पर्याप्त है.
ऑक्सीजन सप्लाई में बड़ी भूमिका
बताया गया है कि एनडीआरएफ द्वारा चार ऑक्सीजन प्लांट में से दो प्लांट इटली और आयरलैंड से प्राप्त हुए हैं जिन्हें आईटीबीपी द्वारा संचालित रेफरल अस्पताल ग्रेटर नोएडा में और दूसरे को ईएसआईसी अस्पताल फरीदाबाद में स्थापित करवाया जा चुका है. वहीं जर्मनी से प्राप्त हुए ऑक्सीजन प्लांट को डीआरडीओ अस्पताल नई दिल्ली और अमेरिका से प्राप्त ऑक्सीजन प्लांट को ईएसआईसी झिलमिल ईस्ट दिल्ली में स्थापित करवाया जा रहा है. एनडीआरएफ की वजह से ही समय भी बच रहा है और समय रहते ऑक्सीजन की आपूर्ति भी होती दिख रही है.
Source : News Nation Bureau