उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई स्थानों में धूल भरी आंधी चलने एवं आकाशीय बिजली गिरने से 93 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उत्तर प्रदेश में कुल 62 लोगों की मौत हुई जिसमें से 43 लोग आगरा से हैं। राजस्थान के अलवर, धौलपुर व भरतपुर जिलों में आए शक्तिशाली धूल भरी आंधी व तूफान से 31 लोगों की मौत हो गई और 150 लोग घायल हो गए।
अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
मारे गए लोगों में से अधिकतर की जान धूल भरी आंधी चलने के बाद गिरी आकाशीय बिजली के कारण गई। तूफान के बाद भी कई जगहों पर बारिश हुई।
उत्तर प्रदेश में आगरा के अलावा बिजनौर एवं कानपुर देहात में तीन-तीन लोगों की मौत हुई। बरेली, पीलीभीत, चित्रकूट, रायबरेली, उन्नाव, मथुरा, अमरोहा, कन्नौज, बांदा, कानपुर शहर, सीतापुर, संभल और मिर्जापुर में एक-एक की मौत हुई।
राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस घटना से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए आगरा, बिजनौर, बरेली, उन्नाव, सहारनपुर, पीलीभीत, फिरोजाबाद, चित्रकूट, मुजफ्फरनगर और रायबरेली जिलों में राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
राज्य में बुधवार की रात आए तूफान में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली जिससे पेड़ गिर गए, टेलीफोन सेवा, बिजली व जल की आपूर्ति प्रभावित हुई और घरों को नुकसान पहुंचा है।
राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने यहां एक आपातकालीन बैठक बुलाई और भरतपुर में 16 लोगों व धौलपुर में 10 व अलवर में पांच लोगों की मौत की पुष्टि की।
कटारिया ने कहा कि पहली बार राज्य में तूफान को प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल किया गया है और प्रत्येक जिले के लिए 2.5 करोड़ की राशि मंजूर की गई है।
अधिकारियों ने कहा कि अलवर, झुंझुनू व बीकानेर में नुकसान के स्तर की अभी सटीक जानकारी नहीं मिली है।
भरतपुर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ओ.पी.जैन ने आईएएनएस से कहा, 'हम घायलों को चिकित्सकीय सहायता देने के लिए सभी तरह के प्रयास सुनिश्चित कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'हमने सेवा बहाली के कार्य को प्राथमिकता दी है जिससे पेयजल व बिजली की आपूर्ति बहाल हो जाए।'
धौलपुर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट हरफूल यादव ने कहा कि जिले में 10 लोगों की मौत तूफान से हुई है।
उन्होंने कहा, 'बीती रात से त्वरित प्रतिक्रिया दल को तैनात किया गया है।'
अलवर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि बचावकर्ता अभी भी लोगों के पास पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कि नुकसान के स्तर का ठीक-ठीक पता चल सके। चूंकि फोन से संपर्क टूट चुका है, इससे आंतरिक भागों में संपर्क में दिक्कत हो रही है।
हरफूल यादव ने कहा कि अपने घर के आग में तबाह हो जाने से लेबदापुरा बसेड़ी में 200 लोग बिना आश्रय के फंसे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि बिजली के कई खंभे गिर गए हैं, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। पेड़ों व बिजली के खंभों के गिरने से सबसे ज्यादा दुर्घटना हुई है, जिससे करीब 100 लोग घायल हो गए हैं।
भरतपुर व अलवर में रात भर बिजली नहीं रही।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने अधिकारियों से गुरुवार को घायलों की मदद करने के लिए कहा।
उन्होंने ट्वीट किया, 'अलवर, भरतपुर व धौलपुर में तूफान से हुए नुकसान से दुखी हूं। मैंने सभी जिलों के अधिकारियों से सभी घायलों के इलाज के लिए हर संभव मदद सुनिश्चित करने के लिए कहा है। मृतकों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।'
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को आपदा को देखते हुए अपने जन्मदिन का कार्यक्रम रोक दिया।
मौसम विभाग ने कहा है कि तूफान की स्थिति शनिवार तक जारी रहेगी। झुंझुनू, जयपुर व सीकर में गुरुवार को तूफान आ सकता है।
उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय मौसम विभाग ने भी राज्य के कई जिलों में दूसरी बार धूल भरी आंधी चलने की चेतावनी दी जिसके बाद सरकार ने भी चेतावनी जारी की।
क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने राहत आयुक्त को एक पत्र लिखा जिसके मुताबिक, गोरखपुर, बलिया, मउ, गाजीपुर, अंबेडकरनगर, संत कबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, शरवस्ती, सीतापुर, बहराईच, खेरी, शाहजहांपुर, पीलीभीत, रामपुर, बरेली, बुदायूं, अलीगढ़, इटाह, महामाया नगर, मथुरा, नोएडा, बुलंदशहर, मोरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और बागपत में तूफान के साथ गरज की संभावना है। कुछ स्थानों पर भारी बारिश की भी उम्मीद है।
गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि राज्य की राजधानी के तूफान से प्रभावित होने की कोई संभावना नहीं है।
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Source : News Nation Bureau