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Arjun Tank Mark 2A से मिसाइल दागेगी Indian Army, DRDO कर रही ये काम

भारत में अभी भीष्म टी-90 टैंकों (Bhishma T-90 Tanks) में मिसाइल फायरिंग की ताकत है. लेकिन इसके कलपुर्जों का आयात करना पड़ता है. ये मुख्य हमलावर टैंक है. यूक्रेन में रूसी सेना को इन टैंक से बहुत फायदा भी पहुंचा है.

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Shravan Shukla
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Arjun Mark II

Arjun Mark IIA( Photo Credit : File)

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मिसाइलों को दागने के लिए अब लॉन्चर की जरूरत अलग से नहीं होगी, क्योंकि भारतीय सेना के लिए डीआरएसओ अर्जुन टैंक को ही मोडिफाइड करके ऐसे टैंक में तब्दील कर रही है, जो मिसाइल दागने में सक्षम होंगे. अभी भारत में अर्जुन टैंक तो हैं, लेकिन उनमें मिसाइल दागने की क्षमता नहीं है. अब डीआरडीओ अर्जुन टैंक के मोडिफाइड वर्जन अर्जुन मार्क-2 (Arjun Tank Mark 2A) को इतना क्षमतावान बना रही है, जो दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देंगे. संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने भी डीआरडीओ से इस प्रोजेक्ट में तेजी लाने का सुझाव दिया है. 

टी-90 टैंक में मिसाइल दागने की क्षमता

अब संसद की रक्षा मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने डीआरडीओ (DRDO) को सुझाव दिया है कि इस पर तेजी से काम किया जाए क्योंकि कमेटी को यह लगता है कि इसके बिना आर्मी के लिए ये टैंक पूरी क्षमता से काम नहीं कर सकते. स्वदेशी अर्जुन टैंक (Arjun Tank) को इंडियन आर्मी (Indian Army) ने मेन बैटल टैंक (Main Battle Tank) का दर्जा दिया है। आर्मी के पास अर्जुन टैंक के अलावा टी-72 और टी-90 टैंक हैं. ये दोनों ही टैंक रूस से लिए हैं. टी-90 टैंक में मेन गन के बैरल से मिसाइल फायर की जा सकती है.

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यूक्रेन युद्ध को देखते हुए फैसला?

भारत में अभी भीष्म टी-90 टैंकों (Bhishma T-90 Tanks) में मिसाइल फायरिंग की ताकत है. लेकिन इसके कलपुर्जों का आयात करना पड़ता है. ये मुख्य हमलावर टैंक है. यूक्रेन में रूसी सेना को इन टैंक से बहुत फायदा भी पहुंचा है. ऐसे में भारत की कोशिश है कि जल्द से जल्द अब अर्जुन मार्क-2 तैयार कर लिया जाए. अभी इंडियन आर्मी के पास जो अर्जुन टैंक हैं उनका नया वर्जन अर्जुन मार्क-1A अभी प्रॉडक्शन स्टेज में हैं और जल्द ही आर्मी को मिल जाएंगे. ये पहले के टैंक से ज्यादा बेहतर हैं लेकिन इनमें भी मिसाइल फायर करने का प्रावधान नहीं है. हालांकि अर्जुन टैंक के मोडिफाइड वर्जन अर्जुन मार्क-2 को इस क्षमता से लैस किया जाएगा.

पिछले साल रिवाइव किया गया प्रोग्राम!

रक्षा मामलों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अर्जुन मार्क-2 को मिसाइल से लैस करने की क्षमता वाला बनाने का विचार पहले से है. लेकिन उसमें काफी दिक्कतें आ गई थी, जिसके बाद प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था. लेकिन अब इस काम को फिर से शुरू किया गया है. इसके शुरुआती ट्रायल सफल भी रहे हैं. लेकिन टी-90 टैंकों के कलपुर्जों की सप्लाई पर हमारी पूरी सेना दूसरे देश के भरोसे नहीं टिकी रह सकती. ऐसे में अर्जुन मार्क-2 पर तेजी से काम किया जा रहा है. इन टैंकों में मिसाइल गाइडेड होगा, साथ ही 2 स्टेज अटैकर मिसाइलों को भी इनपर तैनात किया जा सकेगा. संसद की रक्षा मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने डीआरडीओ को इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा है, ताकि सेना रक्षा मामलों में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को जल्द प्राप्त कर सके और दूसरे देशों पर निर्भर न रहे.

HIGHLIGHTS

  • अर्जुन मार्क-2A में मिसाइल फायरिंग की होगी क्षमता
  • टी-90 में मिसाइल दागने की क्षमता
  • संसद की रक्षा मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने DRDO को दिया सुझाव

Source : News Nation Bureau

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