केंद्रीय महिला और बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने मंगलवार को कहा कि महिलाओं और बच्चों को हिंसा और दुर्व्यवहार से बचाने के लिए उनके घरों और पड़ोस में सुरक्षा सुनिश्चित करना तात्कालिक आवश्यकता है. ईरानी यहां महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा फेसबुक द्वारा आयोजित दूसरे दक्षिण एशिया सुरक्षा शिखर सम्मेलन में अपने विचार प्रकट कर रही थीं.
मंत्री ने एनसीआरबी के 2017 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि महिलाओं के विरुद्ध दर्ज अपराध के तीन लाख मामलों में अपराधी पति और संबंधी थे. इसलिए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा का विषय घर के नजदीक होता है. उन्होंने बताया कि एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार 42 प्रतिशत पुरुष घरेलू हिंसा को उचित बताते हैं और 62 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा का समर्थन करती हैं.
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दक्षिण एशिया सुरक्षा शिखर सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य सुरक्षा के विषय को प्रमुखता से उठाना है. शिखर सम्मेलन में 125 सिविल सोसाइटी संगठन, महिला अधिकार समूह, बाल सुरक्षा विशेषज्ञ तथा शिक्षाविदों ने अपनी बात रखी.
सम्मेलन में सुरक्षा व्यवहारकर्ता, मानसिक स्वास्थ्य तथा आत्महत्या निरोधक संगठन, दिव्यांगजन अधिकार समूहों ने भी भाग लिया. मुय रूप से उन लोगों को आमंत्रित किया गया, जिन्हें डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों को चलाने तथा युवाओं के सामाजिक भावनात्मक विकास के लिए टूल बनाने का अनुभव प्राप्त है.
मंत्री ने बताया कि स्थानीय क्षेत्र में महिलाओं की आवश्यकताओं के लिए वन-स्टॉप सेंटर जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं. उन्होंने बताया कि देश में प्रत्येक महीने 10 वन-स्टॉप सेंटर खुल रहे हैं और इस वर्ष के अंत तक प्रत्येक जिले में एक वन-स्टॉप सेंटर होगा.
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उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय भारत में सभी यौन अपराधियों की डिजिटल सूची बना रहा है, ताकि नियोक्ताओं को जब कभी जरूरत हो, कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच सकें.