गैर सेवा और सेवारत डॉक्टरों के बीच मेडिकल कोर्स में स्नातकोत्तर पदों के लिए लड़ाई अब सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट में गैर सेवा उम्मीदवारों के द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के 7 अप्रैल के फ़ैसले के खिलाफ याचिका दायर की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गई है।
इससे पहले 7 अप्रैल को राजस्थान उच्च न्यायालय ने सरकार को दूर दराज इलाक़ों में कार्यरत डॉक्टर्स को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनईईटी 2017 में 10% अतिरिक्त बोनस अंक देने का फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने NEET 2017-18 सेशन के लिए उर्दू भाषा शामिल करने का आदेश है।
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मुख्य न्यायमूर्ति जेएस खेहार और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड और एस के कौल की पीठ ने कहा, इसे सुनवाई के लिए कल सूचीबद्ध किया जाए। अमित बागरा और अन्य डॉक्टरों द्वारा दायर की गई इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
याचिका में, गैर-सेवा उम्मीदवारों ने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) 2017 के लिए सितंबर 2016 में चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन अभी भी सरकार प्रवेश की प्रक्रिया के बीच में अपने नियम बदल रही है।
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Source : News Nation Bureau