JEE-NEET परीक्षा को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक तरफ सरकार का मानना है कि इसे लेकर बेवजह राजनीति हो रही है और अधिकांश छात्र और उनके अभिभावक चाहते हैं कि परीक्षा निर्धारित समय पर आयोजित हो. लेकिन इसका विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि उन्हें कोविड-19 होने का डर है.
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) टलवाने के लिए कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल साथ आ गए हैं. दूसीर तरफ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के इन परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है. देशभर में JEE की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच होगी और NEET की परीक्षा 13 सितंबर को कराई जाएगी.
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केंद्र ने परीक्षा केंद्रों की लिस्ट भी जारी की
वहीं NTA ने साफ किया है कि परीक्षा को और नहीं टाला जा सकता है और NEET और JEE मेन परीक्षा निर्धारित तारीख को ही होगी. इस बीच, JEE और NEET परीक्षाओं के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यवार परीक्षा केंद्रो की लिस्ट भी जारी कर दी है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी लिस्ट में JEE परीक्षा केंद्र को 570 से बढ़ाकर 660 कर दिया गया है जबकि NEET परीक्षा केंद्र को 2846 से बढ़ाकर 3843 कर दिया गया है.
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सुप्रीम कोर्ट बोला साल बर्बाद नहीं कर सकते
11 राज्यों के 11 छात्रों ने ये परीक्षाएं स्थगित करने के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on NEET Exam) में याचिका दायर की थी. 17 अगस्त को परीक्षा न कराने को लेकर दायर सभी याचिकाएं खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा था कि कोरोना वायरस के कारण देश में सब-कुछ नहीं रोका जा सकता है. कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या देश में सब-कुछ रोक दिया जाए? और बच्चों के एक कीमती साल को यूं ही बर्बाद हो जाने दिया जाए?
Source : News Nation Bureau