NEET-PG परीक्षा 4 महीने के लिए स्थगित, MBBS फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स होंगे ड्यूटी पर तैनात: PMO

पीएमओ की तरफ से जारी बयान के मुताबिक एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों को फैकल्टी की देखरेख में टेलीकंस्लटेशन और हल्के कोविड मामलों की निगरानी के लिए उपयोग किया जा सकता है.

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Karm Raj Mishra
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PM Modi

PM Modi ( Photo Credit : News Nation)

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कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से लड़ने के लिए चिकित्साकर्मियों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए एक अहम फैसला लिया है. इसके तहत NEET-PG परीक्षा को कम से कम 4 महीने के लिए स्थगित करने को कहा गया है. पीएमओ की तरफ से जारी बयान के मुताबिक एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों को फैकल्टी की देखरेख में टेलीकंस्लटेशन और हल्के कोविड मामलों की निगरानी के लिए उपयोग किया जा सकता है. सीनियर डॉक्टर्स और नर्सों की देखरेख में बीएससी/जीएनएम की योग्य नर्सों का पूर्णकालिक कॉविड नर्सिंग में उपयोग किया जाएगा.

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पीएमओ ने कहा है कि वे चिकित्साकर्मी जिन्होंने कोविड ड्यूटी में 100 दिन पूरे कर लिए हैं उन्हें प्रतिष्ठित कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. इसके साथ ही कोविड ड्यूटी पर 100 दिन पूरा करने वाले चिकित्साकर्मियों को नियमित सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी. मेडिकल इंटर्न अपने फैकल्टी की देखरेख में कोविड मैनेजमेंट ड्यूटी पर तैनात किए जाएंगे.

इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार को कोरोना की मौजूदा स्थिति के प्रभावी प्रबंधन के लिए मानव संसाधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और इस दौरान जिन संभावित कदमों पर चर्चा हुई, उनमें चिकित्सा एवं नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े छात्रों या पास कर चुके छात्रों को वित्तीय प्रोत्साहन (मानदेय) देना भी शामिल है. बैठक में आक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई. 

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कल पीएम मोदी ने की थी अहम बैठक

प्रधानमंत्री के साथ बैठक में, पीएम के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, सचिव सड़क परिवहन और राजमार्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. विशेषज्ञों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में पीएम मोदी ने ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता की समीक्षा भी की. बैठक में नाइट्रोजन प्लांट को परिवर्तित कर ऑक्सीजन उत्पादन की संभावनाओं पर चर्चा की गई. बैठक में उन 14 की पहचान की गई है, जहां नाइट्रोजन प्लांट का रूपांतरण हो रहा है.

ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए सरकार अब शुद्ध रूप से गैसीय ऑक्सीजन बनाने की क्षमता रखने वाली इकाइयों की पहचान कर रही है. बैठक में अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए औद्योगिक इकाइयों के पास अस्थाई अस्पतालों का निर्माण करते हुए उनमें 10,000 ऑक्सीजन युक्त बेड्स बनाने का भी निर्णय किया गया है. इसमें उन इकाइयों को चिन्हित किया जाएगा जो शहरों और घनी आबादी क्षेत्रों के करीब संचालित हैं और जहां से ऑक्सीजन युक्त बेड्स पर आसानी से ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके. इसका काम शुरू होने के बाद ऑक्सीजन की किल्लत में काफी हद तक कमी आएगी.

HIGHLIGHTS

  • कोरोना इलाज करने वाले डॉक्टरों को मिलेगा सम्मान
  • कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान से सम्मानित होंगे डॉक्टर
  • MBBS अंतिम वर्ष के छात्रों से ली जाएगी मदद
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