भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में 15 जून को जो खूनी भिड़ंत के बात एक बार फिर दोनों देशों की सेनाओं की बीच बातचीत की जा रही है. चीनी सेना के अनुरोध के बाद भारतीय सेना इस बातचीत में शामिल हो रही है. बैठक में चीन को पुराने समझौते की याद दिलाकर उस पर अमल करने को कहा जा सकता है. भारत का रुख अब पहले से काफी सख्त है. 20 सैनिकों की शहादत के बाद भारत की ओर से सीमा विवाद को लेकर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी.
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जानकारी के मुताबिक चीन की तरफ मोल्डो में हो रही इस बातचीत में भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिदंर सिंह और चीन की तरफ से मेजर जनरल लियु लिन शामिल हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि बातचीत से पहले दोनों देश की सेनाओं के हजार से अधिक सैनिक तैनात खड़े हैं. दोनों देशों की सेनाओं की बाच काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है. गलवान घाटी के PP 14 क्षेत्र में अब दोनों देशों की सेनाएं अपने आप को मजबूत करने में लगी हैं. चीनी सेना यानी PLA एलएसी पर आर्टिलरी और टैंक के साथ मौजूद है, तो वहीं भारत की सेना भी पूरी तरह से तैयार है और तैनाती मजबूत कर दी है. सूत्रों की मानें, तो चीन की ओर से हलचल को बढ़ता हुआ देख भारतीय सेना भी अपनी तैयारी कर रही है और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
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भारतीय इलाके में माउंटेन फोर्स तैनात
गलवान घाटी के पीपी 14 क्षेत्र में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों की सेनाएं अपने आप को मजबूत करने में लगी हैं. चीन की सेना पिपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने एलएसी पर आर्टिलरी और टैंक की संख्या बढ़ाई है, तो वहीं भारत की सेना भी पूरी तरह से तैयार है और तैनाती मजबूत कर दी है. भारत ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए चीन से सटी 3.488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी उच्च प्रशिक्षित माउंटेन फोर्स की भी तैनात कर दी है. यह बटालियन ऊंचाई पर सामरिक लिहाज से चुनौतीपूर्ण स्थितियों के अनुरूप प्रशिक्षित की गई है.
Source : News Nation Bureau