कश्मीर मुद्दे को लेकर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान को भी एक पक्ष बताया और सोमवार को मुद्दे को सुलझाने के लिए पड़ोसी देश को भी शामिल करने की वकालत की. मुफ्ती ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में बने गृहमंत्री अमित शाह पर हमला किया है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर समस्या के त्वरित हल के लिए ‘‘बर्बर बल'' का सहारा लेने का आरोप लगाया और कहा कि यह बेतुकी भरी नासमझी होगी. इस पर गौतम गंभीर ने भी करारा जवाब दिया है. गौतम ने महबूबा मुफ्ती को उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया.
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नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट किया, ''हालांकि हम सभी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बात कर रहे हैं, लेकिन महबूबा मुफ्ती के लिए अमित शाह की प्रक्रिया को 'क्रूर' कहना 'हास्यास्पद' है. इतिहास हमारे धैर्य और धीरज का गवाह रहा है. लेकिन अगर उत्पीड़न मेरे लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है, तो ऐसा ही हो.'' इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा, ‘‘1947 से विभिन्न सरकारें कश्मीर को सुरक्षा के नजरिए से देखती रही हैं. यह एक राजनीतिक समस्या है और पाकिस्तान सहित सभी पक्षों को शामिल करते हुए इसके राजनीतिक हल की जरूरत है.''
सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया, जहां उन्हें जम्मू कश्मीर की स्थिति से भी अवगत कराया गया. बता दें, अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को सुरक्षा बलों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे किसी भी आलोचना से प्रभावित न हों और जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रखें. गृह मंत्रालय का कहना है कि यह नीति परिणाम देने वाली है. इस साल के शुरुआती पांच महीनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 101 आतंकवादियों को मार गिराया है. इसका मतलब हर महीने औसतन 20 आतंकियों का सफाया किया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau