नेपाल के प्रधानमन्त्री के पी शर्मा ओली भारत के खिलाफ गलत बयानबाजी कर के खुद की ही पार्टी में फंस गए हैं. ओली ने भारत पर अपनी सरकार को गिराने उनको प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए भारतीय राज्य संयंत्र, भारतीय मीडिया, भारतीय दूतावास पर आरोप लगाया था. लेकिन अब उनके लिए यह बयान महंगा साबित होने जा रहा है. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक के पांचवे दिन पार्टी के चार बड़े नेता कार्यकारी अध्यक्ष प्रचण्ड, पूर्व प्रधानमंत्री द्वय माधव नेपाल और झलनाथ खनाल तथा पार्टी उपाध्यक्ष बामदेव गौतम ने एक स्वर में कहा कि यदि भारत इस तरह की साजिश में शामिल हैं तो प्रधानमंत्री को इसका प्रमाण सार्वजनिक करना चाहिए.
पिछले तीन दिन तक बैठक से नदारद रहने के बाद आज की बैठक में जैसे ही प्रधानमंत्री आए तो इन चारों नेताओं ने इस बैठक की सभी एजेण्डा को छोड़कर प्रधानमंत्री से भारत पर लगाए आरोपों की पुष्टि करने को कहा. साथ ही इन नेताओं ने कहा कि सिर्फ प्रचारबाजी और अपनी कुर्सी बचाने के लिए यह झुठा आरोप लगाया गया है तो नैतिकता के आधार पर पीएम को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
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पार्टी बैठक के बाद चाय ब्रेक के दौरान कुछ नेताओं से फोन पर हुई बातचीत के मुताबिक़ पार्टी के चारों वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री से भारत के खिलाफ दिए गए बयान पर या तो सबूत पेश करे या फिर अपने पद से इस्तीफा दे. जैसे ही बैठक में प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग हुई वो फिर से बैठक से नदारद हो गए. चाय ब्रेक के बाद प्रधानमंत्री बैठक से अनुपस्थित रहने की खबर मिली है.
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हालांकि इस मामले में स्थायी समिति की बैठक में नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने जवाब देते हुए कहा है कि, बैठक के अंदर की बातें दिल्ली की मीडिया में हूबहू कैसे पहुंच जाती है? पार्टी मीटिंग में बैठे कौन से नेता हैं जो इंडियन मीडिया को ऐसी खबरें भी पहुंचा रहा है? दूतावास के अधिकारी और दिल्ली मीडिया को जानकारी हमारी अपनी पार्टी के नेता के तरफ से लीक की जा रही है, मेरे पास इस बात के सबूत है. क्या मुझे नहीं पता कि मेरे इस्तीफे की मांग क्यों की जा रही है? मुझे नहीं पता कि किसके इशारे पर यह इस्तीफा मांगा जा रहा है