भारत-नेपाल के दि्वपक्षीय रिश्तों में शुक्रवार को हिंसक मोड़ आ गया. नक्शे में भारतीय इलाकों को शामिल किए जाने से उपजी तनातनी के बीच बिहार के सीतामढ़ी स्थित भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस की ओर से की गई जबरदस्त फायरिंग में 4 भारतीयों को गोली लग गई. इनमें से एक शख्स की मौत भी हो गई है. जख्मियों को इलाज के लिए शहर के लाया जा रहा है. इधर स्थानीय लोगो ने बताया कि एक भारतीय नागरिक को नेपाली सेना ने आपने कब्जे में ले रखा है. इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच के संबंधों पर विपरीत असर पड़ना तय माना जा रहा है. भारत-नेपाल सीमा पर इस तरह की यह पहली हिंसक घटना करार दी जा सकती है, जहां खेतों में काम कर रहे मजदूरों पर नेपाली सेना ने फायरिंग की.
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जानकी नगर की घटना
घटना सोनबरसा थाना क्षेत्र के पिपरा परसाइन पंचायत अंतर्गत आने वाले लालबदी स्थित जानकी नगर सीमा की है. वहां खेत में काम करने गए मजदूरों पर पर अचानक नेपाल की शस्त्र पुलिस ने अंधाधुंध गोलिया बरसा दीं. नेपाली सेना की फायरिंग में जानकी नगर टोले लालबंदी निवासी नागेश्वर राय के 25 वर्षीय पुत्र डिकेश कुमार की मौत हो गई है, जबकि बिनोद राम के पुत्र उमेश राम के दाहिना बांह में गोली लगी है. बताते हैं सहोरबा निवासी बिंदेश्वर ठाकुर के पुत्र उदय ठाकुर को दाएं जांघ में गोली लगी है. दोनों जख्मियों को इलाज के लिये सीतामढ़ी रेफर किया गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि नेपाली पुलिस ने बशिस्ट राय के पुत्र लगन राय को अपने कब्जे में रखा है. अभी यह पता नहीं चल सका है कि उसे भी गोली लगी है अथवा नहीं.
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सीमा पर दोनों पक्ष डटे
फायरिंग के बाद भारत-नेपाल की बिहार से लगती सीमा पर भारतीय एसएसबी और स्थानीय पुलिस लालबंदी डटी हैं, वहीं नारायणपुर बॉर्डर पर नेपाली सेना ने अपना डेरा डाले हुए है. गौरतलब है कि नेपाल संसद में भारतीय इलाकों को शामिल करता नक्शा पेश करने से वैसे ही दोनों देशों के संबंधों में तनातनी चल रही थी. इसके पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली कोरोना संक्रमण पर भारत के खिलाफ बयान देकर संबंधों को कड़वाहट के एक नए मुकाम तक ले गए थे. हालांकि भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा था कि नेपाल छोटे भाई जैसा है और उसे बातचीत कर मना लिया जाएगा.
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संबंधों में और कड़वाहट आना तय
हालांकि शुक्रवार को फायरिंग की घटना का असर दोनों देशों के संबंधों पर निश्चित तौर पर पड़ेगा. इसकी एक बड़ी वजह यही है कि पहले भी भारत विरोधी भावनाओं के बावजूद भारतीय सीमा में काम कर रहे लोगों पर कभी कोई हिंसा का इस्तेमाल नहीं किया गया था. फिलहाल यह जांच चल रही है कि नेपाली सेना ने किस कारण फायरिंग की.
Source : Rajnish Sinha