16 साल से बिना विधानसभा भवन के चल रहे राज्य में अब जाकर विधानसभा भवन बनाया जाएगा और जल्द ही इसका काम शुरू किया जाएगा। बर्मा सागवान लकड़ी से निर्मित 125 साल पुराने भवन जब से जलकर खाक हुआ था तब से राज्य के पास कोई स्थाई विधानसभा भवन नहीं था।
बता दें कि सन 2001 से यहां पर राज्य के सेंट्रल लाइब्रेरी ऑडिटोरियम में विधानसभा चलाई जा रही थी। इसके बाद आर्ट एंड कल्चर ऑडिटोरियम में शिफ्ट कर दिया गया, जहां नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर ने सन 1919 में 'शेशेर कोबिता' लिखना शुरू किया था।
और पढ़ें: चाय वाले ने बेटी की शादी में बांटे 1.5 करोड़, आयकर विभाग ने भेजा नोटिस
विधानसभा अध्यक्ष अबु ताहेर मंडल की अध्यक्षता में गुरुवार को मेघालय विधानसभा की एक उच्चस्तरीय कमेटी ने भवन के निर्माण के लिए कंपनी के चयन को लेकर बैठक की। उन्होंने कहा, "कमेटी सभी नौ डिजाइनों में से जो बेहतरीन होगी, उसका चयन करेगी और चयनित कंपनी को संरचनात्मक डिजाइन तैयार करने के साथ ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने को कहेगी।"
वहीं राज्य के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कहा कि हमारा लक्ष्य नया विधानसभा कक्ष और विधानसभा सचिवालय का निर्माण शुरू करने का है और इसे 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य बनाया है। संगमा ने कहा कि प्रस्तावित विधानसभा की नई इमारत शिलांग से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मावदियंगदियांगमें न्यू शिलांग टाउनशिप में बनेगी।
और पढ़ें: नई EVM नहीं तो बैलट पेपर से हो चुनाव, यूपी चुनाव आयोग ने केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखा खत
Source : News Nation Bureau