केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारत साक्ष्य अधिनियम में बदलाव करते हुए तीन विधेयक पेश किए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में IPC, CRPC से जुड़े तीन नए विधेयक पेश किए हैं, जिन्हें स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाएगा. इसके तहत देश में अब नए कानून लागू किए जाएंगे और कई मामलों में सजा के प्रावधानों को बदला जाएगा. अमित शाह ने संसद में कानूनी ढांचे में बड़े बदलाव करते हुए तीन बिल पेश किया. कानून बनने के साथ ही देश में राजद्रोह कानून खत्म हो जाएगा. इसके अलावा इसमें नाबालिग से दुष्कर्म मामले में मौत की सजा, मॉब लिंचिंग समेत तमाम बड़े बदलाव किए गए हैं. यौन हिंसा से लेकर राजद्रोह तक के कानूनों में बदलाव किया जाएगा, ये तीनों कानून ब्रिटिश काल से चले आ रहे थे.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरार का लक्ष्य न्याय सुनिश्चित करना है. जिन कानूनों को खत्म किया जाएगा उसका मकसद ब्रिटिश प्रशासन की रक्षा करना था और उन्हें मजबूती देना था. इन कानूनों में दंड देना मुख्य फोकस था. न्याय देना नहीं था, लेकिन अब नए तीनों कानून भारतीय नागरिक के अधिकारों की रक्षा करना होगा.
नाबालिग से दुषकर्म में मौत की सजा का प्रावधान
नए कानून में महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले में सख्त कानून के प्रावधान हैं. इसमें नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में मौत की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा मॉब लिंचिंग और सामाजिक समस्याओं से निपटने के भी सख्त नियम हैं. अमित शाह ने बताया कि नए कानूनों में गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है, 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों यानी नाबालिग से रेप मामले में मृत्युदंड का प्रावधान भी किया गया है. रेप के कानून में एक नया प्रावधान शामिल किया गया है जो परिभाषित करता है कि विरोध न करने का मतलब सहमति नहीं है. इसके अलावा गलत पहचान बताकर यौन संबंध बनाने वाले को अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
Source : News Nation Bureau