सीबीएसई 12वीं बोर्ड का रिजल्ट शुक्रवार को घोषित कर दिया गया। इन नतीजो में केंद्रीय विद्यालयों ने 100 फीसदी रिजल्ट के साथ पहला स्थान हासिल किया है। केंद्रीय तिब्बती स्कूल भी 100 पास प्रतिशत के साथ अव्वल बने हुए हैं। इस बार सरकारी स्कूल ने भी 99.72 प्रतिशत पास प्रतिशत के साथ अच्छा प्रदर्शन किया। सरकारी सहायता प्राप्त और स्वतंत्र स्कूल, सरकारी स्कूलों से कुछ पीछे हैं।
सीबीएसई द्वारा घोषित किए गए 12वीं के रिजल्ट में कुल 99.37 फीसदी छात्र पास हुए हैं। पास होने वाले छात्रों में 99.13 फीसदी लड़के और 99.67 प्रतिशत लड़कियां हैं।
घोषित किए परिणामों के मुताबिक केंद्रीय विद्यालय के स्कूलों में 12वीं का रिजल्ट शत-प्रतिशत रहा है। सेंट्रल तिब्बतन स्कूल्स का रिजल्ट भी शत प्रतिशत है। वहीं पिछले वर्ष 12वीं के बोर्ड रिजल्ट में अव्वल रहने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय ने पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है, हालांकि इस वर्ष वह केंद्रीय विद्यालयों से पीछे है।
जवाहर नवोदय विद्यालय में 12वीं कक्षा के कुल 99.94 फीसदी छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। पिछले वर्ष जवाहर नवोदय विद्यालय में 98.70 और केंद्रीय विद्यालयों में 98.62 प्रतिशत विद्यार्थी 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे।
सीबीएसई ने देशभर में कुल 13,04,561 छात्रों का 12वीं बोर्ड रिजल्ट घोषित किया हैं। कुल 13,04,561 छात्रों में से 12,96,318 छात्र 12वीं बोर्ड में उत्तीर्ण हुए हैं। इनमें 70,004 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने 12वीं कक्षा में 95 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए हैं। वहीं 1,50,152 छात्रों ने 90 से 95 फीसदी अंक हासिल किए हैं।
वहीं यदि सरकारी स्कूलों की बात की जाए तो इस वर्ष सरकारी स्कूलों के रिजल्ट में काफी सुधार दर्ज किया गया है। बीते वर्ष जहां सरकारी विद्यालयों में 94.94 छात्र 12वीं कक्षाओं में उत्तीर्ण हुए थे, वहीं इस वर्ष 99.72 प्रतिशत छात्र 12वीं की कक्षाओं में उत्तीर्ण हुए हैं। सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों का रिजल्ट भी पिछली बार के मुकाबले काफी बेहतर हुआ है।
पिछले वर्ष जहां सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 91.56 फीसदी छात्र पास हुए थे, वहीं इस वर्ष 99.48 फीसदी छात्र पास हुए हैं। स्वतंत्र विद्यालयों में 99.22 फीसदी छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। पिछले वर्ष यहां 88.22 छात्र प्रतिशत छात्र पास हुए थे।
खेतान पब्लिक स्कूल के वाइस चेयरमैन अनिरुद्ध खेतान ने कहा कि पिछले लगातार 18 महीने बच्चे स्कूल नहीं आए। यह हम सभी के लिए बहुत बुरा अनुभव रहा है। लेकिन हमारे सभी बच्चे बधाई के हकदार हैं जिन्होंने कोरोना काल में भी मनोबल ऊंचा रखा और सहजता से ऑनलाइन क्लास करने लगे। शिक्षक होने के नाते मुझे लगता है कि इस साल हर बच्चे और हर शिक्षक 90 प्रतिशत और उससे उच्च ग्रेड के हकदार हैं क्योंकि वे बहुत कठिनाइयों के दौर से गुजरे हैं।
वहीं सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के शिशिर जयपुरिया ने कहा कि हम इस बार बारहवीं कक्षा के परिणामों की घोषणा करना सीबीएसई की बड़ी उपलब्धि मानते हैं। यह इसलिए प्रशंसनीय है कि महामारी के दौरान सीबीएसई को मूल्यांकन का नया मानक तैयार करना पड़ा और यह सुनिश्चित करना पड़ा कि तकनीक की मदद से अंक देने में निष्पक्षता कायम रहे। परिणामों की घोषणा के साथ विद्यार्थियों और अभिभावकों की चिंता समाप्त हो गई, क्योंकि अब वे उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर पाएंगे। सीबीएसई ने परिणाम से असंतुष्ट छात्रों के लिए भी एक विकल्प खुला रखा है।
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Source : IANS