भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना ने उस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है, जहां शुक्रवार को रोहिणी कोर्ट परिसर के एक कोर्ट रूम के अंदर हुई गोलीबारी में तीन गैंगस्टर मारे गए थे। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए और अदालत परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था में खामियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र के अनुसार, सीजेआई ने इस घटना के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से बात की और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और बार दोनों से बात करने की सलाह दी कि अदालत का कामकाज प्रभावित ना हो।
शीर्ष अदालत पहले से ही अदालत परिसरों और न्यायिक कर्मियों की सुरक्षा के संबंध में एक मामले की जांच कर रही है। सूत्र ने कहा कि रोहिणी कोर्ट परिसर में शुक्रवार को हुई हिंसा के मद्देनजर मामले को अगले सप्ताह प्राथमिकता दी जा सकती है।
वीडियो में कोर्ट परिसर के अंदर गोलियों की आवाज सुनी गई। पुलिसकर्मियों को गैंगस्टरों पर फायरिंग करते देखा गया, जबकि वकील अदालत परिसर में इमारत के अंदर सुरक्षित भाग रहे थे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वकीलों के वेश में बंदूकधारियों ने अदालत के अंदर मौजूद थे। गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को तीन बार गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। गैंगस्टर को बचा रहे विशेष पुलिस कर्मियों ने फिर फायरिंग की, जिसमें दोनों हमलावर मौके पर ही मारे गए।
जितेंद्र मान उर्फ गोगी, जिसे एक अदालत कक्ष में गोली मार दी गई थी। अपहरण और हत्याओं की कई मामलों में मोस्ट वांटेड गैंगस्टर था। गोगी, जिसे अप्रैल में स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया था। हरियाणा के एक गायक की हत्या में शामिल था, जिसे 2017 में पानीपत में हमलावरों ने मार डाला था। गोगी ने हरियाणा में अपने सिर पर 2.5 लाख रुपये का इनाम रखा था।
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Source : IANS