अफ्रीका में प्रचुर संसाधन मौजूद हैं, जहां बड़ी आबादी और विशाल बाजार है, लेकिन यह दुनिया का सबसे गरीब महाद्वीप है। अफ्रीकी देशों के विशेषज्ञों ने कहा कि अफ्रीका गरीबी कम करने में चीन के अनुभव से सीख सकता है और धीरे-धीरे संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र के 2030 एजेंडा का व्यापक लक्ष्य दुनिया भर में गरीबी को उसके सभी रूपों में समाप्त करना है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सहारा रेगिस्तान के दक्षिण भाग के अफ्रीका में अधिकांश लोग प्रतिदिन 1.9 डॉलर से कम पर जीवनयापन करते हैं। कोरोना महामारी के कारण इस क्षेत्र में अत्यधिक गरीबी की आबादी में काफी वृद्धि हुई है।
केन्या में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ कैविंस एडहिल ने कहा कि चीन ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी को बहुत महत्व देता है और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को जल्दी से प्राप्त करने के लिए आधुनिक कृषि का उपयोग करता है। यह केन्या और अन्य विकासशील देशों के लिए एक उपयोगी प्रेरणा है।
वहीं, दक्षिण अफ्रीका विश्वविद्यालय में मबेकी अफ्रीकन लीडरशिप इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शोधकर्ता थाबो मबेकी ने कहा कि चीन का गरीबी उन्मूलन लोगों पर केंद्रित है, चीन में समग्र विकास किया जाता है, और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य नेतृत्वकारी भूमिका निभाते हैं और इस देश में नीतियों का ²ढ़ कार्यान्वयन किया जाता है, इन क्षेत्रों ने अफ्रीकी देशों के लिए अनुभव प्रदान किया।
2021 के अंत में चीन ने चीन-अफ्रीका सहयोग फोरम के 8वें मंत्री स्तरीय सम्मेलन में चीन-अफ्रीका व्यावहारिक सहयोग की नौ परियोजनाओं की घोषणा की, जिसमें गरीबी में कमी और किसानों को लाभ, हरित विकास, क्षमता निर्माण आदि पहलुओं को शामिल किया गया, जिसका अफ्रीकी देशों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी कागुटा मुसेवेनी ने चीन के इस कदम की प्रशंसा की और कहा कि उन्हें चीन के गरीबी उन्मूलन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में बहुत रुचि है।
(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS