ब्रिक्स देशों की 13वीं शिखर बैठक इस गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित होगी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेजबान के नाते दोबारा इस शिखर बैठक की अध्यक्षता करेंगे। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ,रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ,ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसानारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा इसमें भाग लेंगे। स्थानीय विश्लेषकों का विचार है कि अत्यंत जटिल और गहराई से परिवर्तित हो रही अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति में इस ब्रिक्स शिखर बैठक का खास महत्व है। इसमें तीन मुद्दे ध्यानाकर्षक होंगे।
पहला, मुख्य वैश्विक चुनौतियों के सामने ब्रिक्स देश एकजुट होकर क्या आवाज बुलंद करेंगे। कोविड-19 महामारी को ड़ेढ़ साल से अधिक समय हो गया है। फिर भी इसके खत्म होने के आसार नहीं है। उसके वेरिएंट के फैलाव की गति अधिक तेज है। यह सही बात है कि टीकाकरण की भी गति पकड़ रही है, लेकिन विभिन्न देशों के बीच टीकाकरण के बीच काफी फासला मौजूद है और कोरोना के फैलने की रोकथाम में सिर्फ टीके लगाने से काम नहीं चलता। लगता है कि मानवता लंबे समय तक उस के साथ मुकाबला करेगी। इसके अलावा महामारी के दौरान आर्थिक प्रोत्साहन के लिए ब्रिक्स देशों समेत विश्व के मुख्य आर्थिक समुदायों ने विशाल ऋण कम ब्याज दर पर बाजार में रिलीज किया है। सब जानते हैं कि यह अंतरिम कदम है और निरंतर नहीं होगा ,लेकिन सामान्य स्थिति पर लौटना एक बड़ी चुनौती होगी। उधर एक न्यायपूर्ण और समुचित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थापना के लिए विश्व शासन व प्रबंधन व्यवस्था के सुधार की जरूरत है। कहा जा सकता है कि मानव एक चौराहे पर आ गया है। इन सब सवालों के निपटारे में ब्रिक्स देशों का किस तरह जवाब दिया जाय, यह ध्यान देने के योग्य है और बाकी देश भी कड़ी नजर से देख रहे हैं।
दूसरा, ब्रिक्स देशों के आर्थिक सहयोग में क्या-क्या नये ठोस कदम उठाए जाएंगे। पिछले 15 साल में ब्रिक्स देशों ने आपसी सहयोग में सिलसिलेवार उपलब्धियां प्राप्त की हैं। मसलन ब्रिक्स देशों से स्थापित नये विकास बैंक का कारोबार सुचारू रूप से चल रहा है। 2 सितंबर को इस बैंक ने यूएई, उरुग्वे और बंगलादेश तीन नये सदस्य देशों के शामिल होने की घोषणा की, जिससे इस बैंक की जीवित शक्ति जाहिर है। और उदाहरण के लिए ब्रिक्स देशों के बीच नयी औद्योगिक क्रांति साझेदारी की स्थापना में तेजी लाने के लिए ब्रिक्स देशों की नयी औद्योगिक क्रांति साझेदारी सृजन केंद्र का लोकार्पण हाल ही में चीन के श्यामन शहर में किया गया, जो नीतिगत समन्वय, प्रतिभा तैयार करने और परियोजनाओं के विकास में सहयोग बढ़ाएगा। कुछ दिन पहले इस शिखर बैठक की तैयारी के लिए ब्रिक्स देशों के व्यापार मंत्रियों ने एक बैठक की, जिसमें ब्रिक्स देशों की आर्थिक साझेदारी रणनीति 2025, बहुपक्षीय व्यापार तंत्र सहयोग पर ब्रिक्स देशों के बयान समेत कई दस्तावेजों की पुष्टि की गयी। इसलिए इस शिखर बैठक में ठोस उपलब्धियां प्राप्त करने की प्रतीक्षा की जा सकती है।
तीसरा, सुरक्षा क्षेत्र में क्या बड़ी प्रगति प्राप्त होगी। इस अगस्त में ब्रिक्स देशों के सुरक्षा मामले पर वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने बैठक आयोजित कर अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय ज्वलंत सवालों, कानूनी विभाग के सहयोग, आतंकवाद के विरोध और साइबर सुरक्षा पर गहराई से विचार-विमर्श किया और ब्रिक्स देशों की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई योजना पर सहमति हासिल की। तो इस शिखर बैठक में सुरक्षा चुनौती के प्रति क्या परिणाम निकलेगा, यह भी देखने के योग्य होगा।
( वेइतुंग, चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS