30 सितंबर को 76वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति की आम बहस हुई। संयुक्त राष्ट्र में स्थित चीनी स्थायी प्रतिनिधि जांग जून ने चीन, रूस, क्यूबा और पाकिस्तान समेत 30 देशों की ओर से भाषण दिया और इस बात पर जोर दिया कि एकतरफा बाध्यकारी कदम मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करते हैं और मानवीय आपदाओं को बढ़ाते हैं। साथ ही, एकतरफा बाध्यकारी कदमों को पूरी तरह रद्द करने का आह्वान किया।
जांग जून ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने सभी देशों, विशेषकर विकासशील देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास पर गंभीर प्रभाव डाला है। हम सभी देशों से एकजुट होकर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग करने और संयुक्त रूप से महामारी से लड़ने के लिए वैश्विक कदम उठाने का आह्वान करते हैं।
जांग जून ने कहा कि एकतरफा अनिवार्य कदम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों व सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं, और बहुपक्षवादव अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों के विपरीत हैं।
जांग जून ने जोर देते हुए कहा कि एकतरफा बाध्यकारी कदमों के नकारात्मक प्रभाव बहुत चिंताजनक हैं। एकतरफा बाध्यकारी कदम गंभीर आर्थिक, सामाजिक और मानवीय प्रभाव डालते हैं और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए संबंधित देशों के प्रयासों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
(साभार- चाइनामीडियाग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS