जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की गतिविधियां चरम सीमा पर पहुंच गई है. वहां लगातार आतंकियों के द्वारा लोगों को मारने का क्रम जारी है. घाटी में गैर-मुस्लिमों पर बढ़ते हुए अत्याचार को देखकर डर का माहौल बढ़ता जा रहा है. उत्पाद इतना बढ़ गया है कि आतंकियों ने हिंदू-सिख को टारगेट करके मारना शुरू कर दिया है. लोगों में खौफ भी साफ तौर पर देखा जा सकता है. ये उनका खौफ ही है कि एक बार फिर से कश्मीरी पंडित और सिख समुदाय के लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. इस अल्पसंख्यक समुदाय को टारगेट करने वाले आतंकी हमलों को देखते हुए वहां की सरकार ने लोगों के मन से डर निकालने के लिए एक नया तरीका अपनाया है. वो तरीका ये है कि सरकार ने उन्हें 10 दिनों की छुट्टी दे दी है.
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बता दें, कुछ समय पहले ही आतंकियों ने श्रीनगर में दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं सूत्रों के अनुसार ये भी बताया गया था कि जम्मू-कश्मीर में शांति और समृद्धि के माहौल को बाधित करने के लिए पाकिस्तान हाइब्रिड आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहे थे.
जहां एक तरफ सेंट्रल और दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर की सरकार लोगों को माइग्रेट कराने की बात कर रही थी. वहीं बढ़ते हुए आतंक के चलते लोगों ने दोबारा से पलायन करना शुरू कर दिया है. अध्यापकों और कारोबारियों पर हो रहे हमलों के चलते सिख और कश्मीरी पंडित सहित सभी दहशत में आ गए है. अल्पसंख्यक समुदायों के लोग जम्मू से लौटने लगे हैं.
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बता दें, कश्मीर घाटी में केवल 5 दिनों में ही आतंकवादियों ने 7 लोगों की हत्या कर दी है. इनमें से 4 अल्पसंख्यक समुदाय के थे. वहीं 6 हत्याएं कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में हुईं थी. बीते दिनों में जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों ने ईदगाह इलाके में स्थित एक स्कूल में भी हमला कर दिया था. इस हमले में स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर की मौत हो गई थी. दोनों ही गैर मुस्लिम थे.