ब्रिटेन के कोरोना वायरस (Corona Virus) ने भारत में चिंता बढ़ा दी है. कोरोना की रफ्तार पर लगाम लगने के बाद एक बार फिर मामले बढ़ने लगे हैं. इसी बीच आईसीएमआर (ICMR) ने आशंका जताई है कि भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की इतनी बड़ी संख्या है कि भविष्य में भारत के अंदर से भी नया स्ट्रेन सामने आ सकता है. ब्रिटेन और साउथ अफ्रीका में कोरोना के नए स्ट्रेन सामने आ चुके है.
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नया स्ट्रेन ड्रिफ्ट की जगह शिफ्ट हुआ तो वैक्सीन पर पड़ेगा असर
आईसीएमआर की हेड ऑफ कम्युनिकेबल डिसीज डॉक्टर सिमरन पांडा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन के करोना का म्यूटेशन को हम संक्रमण में छोटा परिवर्तन मानते हैं, तकनीकी भाषा में इसे ड्रिफ्ट कहां जाता है ,लेकिन अगर जैसे सार्स और इनफ्लुएंजा मैं बड़ा परिवर्तन देखने को मिला जिसकी वजह से उनकी वैक्सीन तक को बदलना पड़ा. अगर इतना बड़ा परिवर्तन आया तो हम उससे शिफ्ट मानेंगे. इतना बड़ा परिवर्तन आता है तो मौजूदा वैक्सीन भी बेअसर साबित हो सकती है ,हालांकि अभी के परिवर्तन छोटे हैं लिहाजा मौजूदा टीका और इलाज दोनों ही कारगर है.
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जानवरों का भी होना चाहिए वैक्सीनेशन
डॉक्टर सिमरन पांडा ने कहा कि पृथ्वी सिर्फ इंसानों के लिए नहीं है बल्कि सभी जीव जंतु और प्राणियों के लिए है. हम सबको मार कर जिंदा नहीं रह सकते. जैसे रेबीज का टीकाकरण इंसानों के साथ साथ जानवरों को भी लगाया जाता है ,रेबीज के टीके लगे लगे हुए जानवरों से वायरस नहीं फैलता. वैसे ही ऊदबिलाव ऊंट समेत कई जानवरों में कोरोना संक्रमण देखने को मिला है, हम भले ही उसे कोविड-19 ना माने, लेकिन जब जब हमने जानवरों को इग्नोर किया तो बहुत से वायरस जानवरों की वजह से इंसानों तक पहुंच गए ,चीन के वुहान शहर में भी यही बात सामने संभावित रूप से आई. इससे पहले दुनिया बर्ड फ्लू, चिकन फ्लू का दौर देख चुकी है. इसलिए जानवरों का भी वैक्सीनेशन जरूरी है.
Source : News Nation Bureau