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Study: कोरोना की दूसरी लहर जितनी गंभीर नहीं होगी तीसरी लहर

टीकाकरण (Vaccination) के दायरे के विस्तार से कोरोना वायरस की तीसरी लहर को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

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Nihar Saxena
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CORONA CASES IN INDIA

नए शोध में कहा गया कि तीसरी लहर नहीं होगी भयावह.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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कोविड-19 (COVID-19) महामारी की थम रही दूसरी लहर के बीच जल्‍द ही कोरोना (Corona Virus) की तीसरी लहर आने की आशंका जताई गई है. यह अलग बात है कि इसके दूसरी लहर जितना गंभीर होने की आशंका नहीं है. एक अध्‍ययन में यह दावा किया गया है. यह स्‍टडी इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में प्रकाशित हुई है. गणितीय 'मॉडलिंग' विश्लेषण पर आधारित इस अध्ययन में बताया गया है कि टीकाकरण (Vaccination) के दायरे के विस्तार से कोरोना वायरस की तीसरी लहर को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इस बीच केंद्र सरकार ने 8 राज्यों को खत लिखकर तीसरी लहर और टीकाकरण पर अहम निर्देश दिए हैं.

कोरोना टीकों की दोनों खुराक से आएगा असर
अध्ययन में ऐसे परिदृश्य की चर्चा की गई है जिसमें 40 फीसदी आबादी ने दूसरी लहर के तीन महीनों के भीतर दोनों खुराक ले ली हैं. इसमें कहा गया है कि टीकाकरण का प्रभाव संक्रमण की गंभीरता को 60 फीसदी तक कम करने के लिए है. अध्ययन के अनुसार इससे यह दिखता है कि संभावित तीसरी लहर के दौरान टीकाकरण गंभीरता को काफी हद तक कम कर सकता है.

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केंद्र ने लिखा 8 राज्यों को पत्र
कोरोना के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित करने के बाद केंद्र सरकार ने 8 राज्यों को खत लिखकर अहम निर्देश दिए हैं. केंद्र ने आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु को चिट्ठी लिख कर निर्देश दिए हैं. केंद्र ने इन राज्यों को कहा कि जिलों और समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करें. इसमें भीड़ और लोगों का आपस में मिलने-जुलने पर रोक, बड़े स्तर पर टेस्टिंग, तत्काल ट्रेसिंग और साथ ही प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन कवरेज शामिल हैं.

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इस अध्ययन में यह रहे शामिल
'भारत में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना: गणितीय मॉडलिंग आधारित विश्लेषण' के लेखकों में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के संदीप मंडल, बलराम भार्गव और समीरन पांडा और इंपीरियल कॉलेज लंदन के निमलन अरिनामिनपति शामिल हैं. तीसरी लहर के संबंध में चार परिकल्पनाओं पर विचार करते हुए अध्ययन में कहा गया है, संक्रमण-आधारित प्रतिरक्षा क्षमता समय के साथ कम हो सकती है. पहले से संक्रमित हुए लोग दोबारा संक्रमित हो सकते हैं, भले ही मौजूदा वायरस अपरिवर्तित रहे.

HIGHLIGHTS

  • स्‍टडी इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में प्रकाशित
  • टीकाकरण से तीसरी लहर को काफी हद तक कम किया जा सकेगा
  • 40 फीसदी आबादी को यदि लग गई दोनों खुराक तो होगा ऐसा
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