नए ट्रैफिक रूल्स (New Motor Vehicle Act ) के तहत गुरुग्राम कोर्ट के एक कर्मचारी पर 23 हजार रुपयों का जुर्माना ठोंक दिया गया. जबकि उसकी स्कूटी की मौजूदा समय में मार्केट वैल्यू ही 15 हजार रुपये है. इस खबर के आने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसे हजारों मीम्स बन गए जिसमें कहा जा रहा है कि अगर 10000 की बाइक का चालान 15000 कटे तो उसे दरोगा जी को सप्रेम भेंट कर दें या जब्त हो जाए तो इसे नहीं छुड़वाएं. अगर आप भी ऐसा ही सोच रहें हैं तो गलत हैं. ऐसा करके आप और बुरी तरह फंस जाएंगे. गाड़ी तो नीलाम होगी है, आप को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
दरअसल नए मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद चालान की राशि देखकर वाहन चालक अपने वाहनों को ही जब्त करवा रहे हैं. लेकिन शायद उन्हें नहीं मालूम कि ऐसे वाहन चालकों के लिए ट्रैफिक पुलिस कोर्ट में मामला भेजने की तैयारी कर रही है. गुरुग्राम पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक ऐसा करने वाले वाहन चालकों के लिए अदालत जुर्माना और सजा निर्धारित करेगा.
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ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों ने इस तरह के तर्क तब देने शुरू कर दिए जब सोमवार को स्कूटी सवार का 23 हजार और ऑटो चालक का 32 हजार 500 रुपये तक के एकमुश्त चालान काटे गए, जिसमें स्कूटी सवार का कहना है कि उसकी स्कूटी की कीमत की महज 15 हजार रुपये है ऐसे में वह चालान की रकम जमा नहीं करेगा.
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अधवक्ता दुर्गेश पांडेय बताते हैं कि अगर स्कूटी चालक ऐसा कर है तो इस स्थिति में कोर्ट तय समय सीमा पर वाहन चालक को नोटिस जारी करेगा, जिसमें उसका पेश होना अनिवार्य है. अगर वाहन चालक पेश नहीं होता तो कोर्ट की ओर से नियमों के उल्लंघन को देखते हुए वाहन की नीलामी के अलावा सजा भी देने का प्रावधान है.
स्कूटी चालक का ऐसे बढ़ गया चालान
दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस ने यह चालान मोटर व्हीकल एक्ट 1988 सेक्शन 213 (5)(e) की कई धाराओं के मुताबिक किया था. यह चालान कुछ इस प्रकार से था बिना हेलमेट 1000 रुपये, बिना ड्राइविंग लाइसेंस 5000 रुपये, बिना इंश्योरेंस के 2000 रुपये, बिना रजिस्ट्रेशन 5000 हजार रुपये इसके अलावा एयर पॉल्यूशन और एनओसी न होने के चलते 10000 रुपये का और चालान काटा गया कुल मिलाकर चालान की रकम 23000 रुपये तक पहुंच गई.
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उस समय दिनेश के पास उतनी रकम नहीं थी कि वो चालान भरकर अपनी स्कूटी छुड़ा सकें इसलिए उन्होंने अपनी स्कूटी दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस के पास ही छोड़ दी. ट्रैफिक पुलिस ने दिनेश की स्कूट जब्त कर मामला दर्ज कर लिया और चालान कोर्ट भेज दिया अब दिनेश इस धर्मसंकट में हैं कि 15 हजार की स्कूटी को छुड़ाने के लिए 23 हजार रुपये का चालान भरे या नहीं.