कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के खिलाफ केंद्र सरकार की नई टीकाकरण (Vaccination) नीति आज से लागू हो रही है. इस नई नीति में 18 से 44 उम्र वर्ग के लोग सीधे वैक्सीनेशन सेंटर जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं. नई नीति के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारों के जरिए 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को मुफ्त टीके लगेंग. अभी केंद्र सरकार 45 साल से नीचे के लोगों को वैक्सीन नहीं लगा रही थी. राज्य सरकारें और निजी अस्पताल लगा रहे थे. नई टीकाकरण नीति में स्पष्ट कहा गया है कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए निजी अस्पताल अब मनमानी कीमत नहीं वसूल पाएंगे. केंद्र ने निजी अस्पतालों में वैक्सीन की अधिकतम रेट तय कर दिया है. 780 रुपए कोविशील्ड की एक डोज के लिए देने होंगे, जबकि स्पुतनिक के लिए 1145 और कोवैक्सीन के लिए 1410 रुपए निजी अस्पताल ले सकेंगे. इस नई नीति के तहत केंद्र सरकार देश में वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनियों से उनके उत्पाद का 75 फीसद हिस्सा खरीदेगी और उसे राज्यों के नि:शुल्क देगी. इस महीने के शुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण नीति में बड़े बदलाव का एलान किया था।
राज्यों को रखनी होगी निगरानी, टीकों की नहीं कोई कमी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस फेज में टीके की उपलब्धता की कोई कमी नहीं है और राज्य सरकारें भी अधिक-से-अधिक टीका लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. राज्यों ने बड़ी संख्या में टीकाकरण केंद्र खोलकर लोगों के घर के नजदीक वैक्सीन उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी कर ली है. वहीं छोटे और मझोले शहरों के निजी अस्पतालों को भी पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है. गौरतलब है कि एक मई से शुरू हुए टीकाकरण के चौथे चरण में केंद्र सरकार 50 फीसदी वैक्सीन खरीदती थी. 25 फीसद राज्य सरकारें और 25 फीसद निजी क्षेत्र के अस्पतालों का कोटा तय किया गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने सात जून को 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को मुफ्त टीका लगाने का एलान किया था. इसके तहत अब राज्य सरकारों के कोटे की 25 फीसदी वैक्सीन भी केंद्र खरीदेगा और उन्हें राज्यों को देगा. राज्यों का काम सिर्फ टीके लगाने और उस पर निगरानी रखने को होगा.
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साल के अंत तक 18 प्लस के सभी लोगों की वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार राज्यों के पास अभी तीन करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध हैं और आगे उनके प्रदर्शन के हिसाब से टीके की सप्लाई की जाएगी. केंद्र ने राज्यों से वैक्सीन की सप्लाई की चिंता छोड़कर अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाने और पर्याप्त कोल्ड चेन की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा गया है. सरकार ने इस साल के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है. इस वर्ग की आबादी लगभग 90-95 करोड़ के बीच है. इसके हिसाब से 180-190 करोड़ डोज लगाने की जरूरत पड़ेगी. रविवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक 27.62 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं. हाल-फिलहाल रोजाना औसतन 30 लाख टीके लगाए जा रहे हैं. इस तरह जून तक कुल 30 करोड़ डोज लगा दी जाएंगी. उसके बाद सरकार के पास छह महीने यानी 180 दिन बचेंगे. इसमें 150-160 करोड़ डोज लगानी होगी। इस तरह प्रतिदिन औसतन 80-90 लाख डोज लगाने की जरूरत होगी. सरकार की कोशिश जुलाई के अंत तक प्रतिदिन एक करोड़ डोज लगाने की है.
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नई टीकाकरण नीति की खास बातें
- केंद्र सरकार 75 फीसद वैक्सीन खरीद कर राज्यों को मुफ्त कराएगी उपलब्ध
- इस महीने की शुरुआत में पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किया था एलान
- राज्यों को अब वैक्सीन पर एक पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा
- केंद्र सरकार राज्यों के कोटे की 25 फीसदी वैक्सीन भी खरीदेगी
- निजी क्षेत्र के अस्पतालों का 25 फीसदी वैक्सीन का कोटा बरकरार रहेगा और प्रति डोज 150 रुपये सर्विस चार्ज लेंगे
- प्राइवेट टीकाकरण केंद्रों की संख्या 30 हजार से अधिक करने की कोशिश
- इसके लिए छोटे और मंझोले शहरों के निजी अस्पतालों में खोले जा रहे टीकाकरण केंद्र
- राज्यों को उनकी आबादी, संक्रमण और टीकाकरण में प्रगति के आधार पर मिलेगी वैक्सीन
HIGHLIGHTS
- केंद्र सरकार की कोरोना पर नई टीकाकरण नीति आज से लागू
- अब 18 प्लस से लेकर 44 वय तक को लगेगा मुफ्त टीका
- साल के अंत तक 90 करोड़ आबादी के वैक्सीनेशन का लक्ष्य