प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शनिवार को पाकिस्तान का नाम लिए बिना अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान की भारत को निशाना बनाने वाली कठोर बयानबाजी को लेकर फटकार लगाई और कहा कि 'प्रतिगामी सोच वाले देश क्या बोलेंगे जो आतंकवाद को एक राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं'. मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोल रहे थे और उनके संबोधन का क्रम इमरान के संबोधन के एक दिन बाद आया. इमरान ने शुक्रवार को अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान को पीड़ित के रूप में वर्णित करते हुए 'गलत तरीके से अमेरिकी और वैश्विक दोहरे मानकों के बीच फंसाया गया देश' बताया था.
खान ने कहा था, "अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति के लिए किसी कारण से अमेरिका में राजनेताओं और यूरोप के कुछ राजनेताओं द्वारा पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया गया है. इस मंच से मैं उन सभी को बताना चाहता हूं कि जब हम 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में शामिल हुए थे, तब अफगानिस्तान के अलावा जिस देश को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, वह पाकिस्तान है." खान के कड़े शब्द भारत के लिए रिजर्व थे. भारत ने शुक्रवार को अपने जवाब में पलटवार किया.
भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने शुक्रवार को कहा, "यह वह देश है जो आगजनी करने वाला है, मगर खुद को अग्निशामक के रूप में पेश कर रहा है।" उन्होंने कहा, "पाकिस्तान इस उम्मीद में अपने पिछवाड़े में आतंकवादियों को पालता है कि वे केवल अपने पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे. लेकिन हमारे क्षेत्र और वास्तव में पूरी दुनिया को उनकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है." सुबह के बाद, मोदी ने यूएनजीए के सप्ताहांत कार्यक्रम में अपने संबोधन के अंत में कहा, "इन देशों को यह समझना चाहिए कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना नितांत आवश्यक है कि अफगानिस्तान क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने या आतंकवादी हमलों के लिए नहीं किया जाएगा."
Source : News Nation Bureau