PM नरेन्द्र मोदी तीन तलाक का मुद्दा लगातार उठाते रहे हैं। उनकी सरकार इस मामले में एक बिल भी लाई है, लेकिन अभी यह कानून का रूप नहीं ले सका है। इस मामले में विपक्षी दलों की कुछ चिंताएं हैं। लेकिन इस बीच इसी तलाक प्रक्रिया से जुड़ी प्रथा ‘हलाला’ चर्चा में आ गई है। आज 'बड़ा सवाल' में इसी प्रथा पर मंथन किया जाएगा। अगर आपके मन में इससे जुड़े कोई सवाल हैं तो हमें भेज सकते हैं। इस शो को होस्ट करेंगे अजय कुमार
हमें आप ट्विटर और फेसबुक पर सवाल भेज सकते हैं।
हमारे लिंक हैं -
https://twitter.com/NewsStateHindi
https://www.facebook.com/NewsState
आपके सवालों का ये देंगे उत्तर
1 शाइस्ता अंबर (अध्यक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड)
2 मौनाला सईद हसन इमाम आब्दी, धर्म गुरु
3 शाहमूम काजमी, मुस्लिम स्कॉलर
4 अतीक उर रहमान, मुस्लिम स्कॉलर
5 अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
6 विनोद बंसल, VHP प्रवक्ता
आखिर क्या ‘हलाला’ प्रथा
‘हलाला’ एक ऐसी प्रथा है जिसमें अगर मुस्लिम पति अपनी पत्नी को तलाक देता है तो उसे अपनी पत्नी से दोबारा शादी करने के लिए या अगर पत्नी अपने पति से दोबारा शादी करना चाहती है तो औरत को 'हलाला' करना होगा। अगर किसी व्यक्ति ने अपनी बीवी को तीन बार तलाक दे दिया और वो दोनों अलग हो गए। बाद में अगर पति को अपने फैसले पर पछतावा होता है और वो अपनी बीवी से दोबारा शादी करना चाहता है तो वो बिना 'हलाला' के शादी नहीं कर सकता। 'हलाला' के लिए पत्नी को पहले किसी दूसरे मर्द से शादी करनी होगी। उसके बाद जब दूसरा व्यक्ति औरत को तलाक दे देगा, उसके बाद ही वो अपने पहले पती से निकाह कर सकती है।