राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा नदी के किनारे स्थित हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे शहरों में शुक्रवार को कैरी बैग, प्लेट और कटलरी जैसी प्लास्टिक से बनी चीजों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तरकाशी तक इस तरह की चीजों की बिक्री, विनिर्माण और भंडारण पर भी रोक लगा दी।
हरित अधिकरण ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा और गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
एनजीटी ने यह उल्लेख करने के बाद आदेश पारित किया कि इसके पूर्व के आदेश के बावजूद इन क्षेत्रों में प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे गंगा नदी में प्रदूषण हो रहा है।
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हरित इकाई पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने गुरुवार को यह भी स्पष्ट किया था कि उसने दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर में कोई ‘साइलेंट जोन’ घोषित नहीं किया है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि बर्फ से बनी ‘शिवलिंग’ जैसी रचना के सामने ही शांति बनाए रखना चाहिए।
एनजीटी ने अमरनाथ गुफा श्राइन की पर्यावरण-संवेदनशीलता को बनाए रखने के लिए बुधवार को इसे ‘साइलेंट जोन’ घोषित किया था और प्रवेश बिंदु से आगे धार्मिक रस्मों पर रोक लगा दी थी।
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Source : News Nation Bureau