राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना के डूबक्षेत्र में जलाशय बनाने की अनुमति के लिए दिल्ली सरकार द्वारा दायर याचिका पर आदेश देने से इनकार कर दिया. एनजीटी ने वैधानिक प्राधिकारियों से इस मामले पर गौर करने को कहा है. एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एनजीटी को ऐसी किसी भी वैध परियोजना से कोई दिक्कत नहीं है जो यमुना और डूब क्षेत्र के संरक्षण में बाधा नहीं डालती हो.
पीठ ने कहा, 'अधिकरण हालांकि किसी भी विशेष परियोजना के गुण-दोष पर कोई विचार प्रकट नहीं कर सकता. इस तरह की परियोजना के गुण-दोष पर तय प्रक्रिया के तहत संबंधित वैधानिक प्राधिकारियों के पास भेजा जाना चाहिए.' अधिकरण दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
दरअसल, दिल्ली सरकार की योजना भूजल स्तर बढाने के लिए मानसून में पल्ला से वजीराबाद तक यमुना के डूबक्षेत्र में जल का संचय करने के लिए जलाशय बनाने की है. याचिका में कहा गया कि अधिकरण द्वारा गठित एक समिति ने इस प्रस्ताव को सशर्त मंजूरी दे दी है. इस याचिका में दावा किया गया है कि इस परियोजना से अधिकरण द्वारा यमुना के लिए तय किए गए संरक्षण के दिशा-निर्देशों को कोई बाधा नहीं पहुंचेगी.
Source : Bhasha