दिल्ली उच्च न्यायालय ने एनएचएआई और एचएसआईआईडीसी को ईस्टर्न एवं वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर जल्द से जल्द शौचालय, पेट्रोल पंप, एंबुलेंस और आपात सुविधाओं समेत मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा कि अगर ये सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध करायी जा रही हैं तो इनके प्रभावी इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी)उनका रखरखाव करे.
अदालत का यह आदेश कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेसवे पर पेट्रोल पंप, शौचालय परिसर, एंबुलेंस, आपात सुविधाएं, ढाबे-रेस्त्रां और पुलिस की गश्त जैसी सुविधाओं की उपलब्धता की मांग करने वाली एक याचिका का निस्तारण करते समय आया.
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पीठ ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों (प्राधिकरणों) को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने अन्य लंबित कार्यों की प्राथमिकता और व्यावहारिक रूप से कोष की उपलब्धता को देखते हुए बताये गये एक्सप्रेसवे पर रिट याचिका में जिक्र की गयी सुविधाओं की उपलब्धता जल्द से जल्द सुनिश्चित करें.’’
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अदालत ने कहा कि यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि इस तरह की सुविधाएं प्राधिकरण किसी खास स्थान पर रातों रात उपलब्ध नहीं करा सकता और इसके लिये उन्हें कुछ समय मिलना चाहिए. यह याचिका वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी की ओर से दायर की गयी है जिसमें बताया गया है कि वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे या कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे पर ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.
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दो साल पहले यह एक्सप्रेसवे चालू हुआ था और हर दिन इससे होकर हजारों गाड़ियां गुजरती हैं तथा टोल का भुगतान करती हैं. याचिका में कहा गया, हालांकि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे या कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) एक्सप्रेसवे पर कुछ सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में किया था.
Source : Bhasha