राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की हत्या (Kanhaiya Lal murder) में सातवें व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है. इस हत्या को कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने 28 जून को अंजाम दिया था. एजेंसी ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला (31) मुख्य हत्यारे मोहम्मद रियाज अटारी (mohammad riaz attari) का करीबी आपराधिक सहयोगी है और दर्जी कन्हैया लाल की हत्या की साजिश में सक्रिय रूप से शामिल था. इससे पहले, दो हमलावरों रियाज अटारी और गौस मोहम्मद के अलावा चार अन्य सहयोगियों मोहसिन खान, आसिफ हुसैन, मोहम्मद मोहसिन और वसीम अली को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश और भूमिका के बारे में इनस सभी से 12 जुलाई तक NIA की हिरासत में पूछताछ की जा रही है.
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एनआईए के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया है- ''फरहाद मुख्य आरोपी रियाज अटारी में से एक का करीबी आपराधिक सहयोगी था और कन्हैया लाल की हत्या की साजिश का सक्रिय हिस्सा था.'' केंद्रीय एजेंसी फिलहाल आरोपियों के फोन और अन्य उपकरणों की जांच कर रही है ताकि सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से उनके संबंध का पता लगाया जा सके. NIA की एक टीम शुक्रवार को फिर से अपराध स्थल का जायजा लेने के लिए अटारी और गौस मोहम्मद के स्थानीय कनेक्शन की जांच करने के लिए उदयपुर गई थी.
जांचकर्ता कराची स्थित धार्मिक संगठन दावत-ए-इस्लामी की उदयपुर की हत्या में भूमिका की भी जांच कर रहे हैं क्योंकि अटारी उसका अनुयायी था.
28 मई को एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की टिप्पणियों ने एक अंतरराष्ट्रीय विवाद को जन्म दिया था. उन्हें 5 जून को बीजेपी के प्रवक्ता के रूप में निलंबित कर दिया गया था, जबकि एक अन्य बीजेपी नेता नवीन जिंदल को इस्लाम पर उनके बयानों के लिए निष्कासित कर दिया गया था. इसी तरह, अमरावती मामले में भी जिसमें एक फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की 21 जून को हत्या कर दी गई थी. NIA अपनी जांच के दौरान ऑनलाइन 'हैंडलर' पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिन्होंने आरोपी व्यक्तियों को हमला करने के लिए प्रेरित किया था. अभी तक किसी भी संगठित गिरोह या आतंकी संगठन ने दोनों हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है. जांचकर्ताओं को अभी यह पता लगाना बाकी है कि क्या दोनों घटनाएं जुड़ी हुई हैं.