राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) मामले में आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू समेत 10 खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया है. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की कई धाराओं के तहत पंजाब के मोहाली में विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दायर किया है.
अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहने वाले अलगाववादी नेता और आतंकी पन्नू के अलावा एनआईए ने परगट सिंह, सुखराज सिंह, बिक्रमजीत सिंह, मंजीत सिंह, जतिंदर सिंह, गुरविंदर सिंह, हरप्रीत सिंह, कुलदीप सिंह और हरमीत सिंह का नाम लिया है. अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला है कि एक अलगाववादी संगठन एसएफजे ने फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब चैनल और कई सोशल मीडिया अकाउंट व वेबसाइटों का उपयोग करते हुए लगातार भारत के खिलाफ अभियान चलाया है.
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अधिकारी ने कहा, 'इन सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल प्रभावशाली युवाओं और क्षेत्र और धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है.' अधिकारी ने कहा, 'जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि पन्नू अन्य आरोपी व्यक्तियों को एसएफजे में भर्ती करता है और उन्हें कट्टरपंथी बनाने का काम करता है.' अधिकारी ने कहा कि एसएफजे संगठन को यूएपीए के तहत 'गैरकानूनी संगठन' घोषित किया गया है.
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अधिकारी ने कहा, 'आरोपी व्यक्तियों ने साजिश को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न एमटीएसएस प्लेटफार्मो के माध्यम से विदेशों में स्थित अपने संचालकों से धन प्राप्त किया था.' एनआईए ने पंजाब में 2017-18 के दौरान हुई आगजनी और हिंसा की श्रृंखला पर आरोप पत्र दाखिल किया है. इसे सिख फॉर जस्टिस और रेफरेंडम 2020 के समर्थन ऑनलाइन और जमीन प्रचार गतिविधियों से अंजाम दिया गया. यह मामला शुरू में पंजाब पुलिस ने अमृतसर में दर्ज किया था और एनआईए ने इस साल पांच अप्रैल को जांच का जिम्मा संभाला था.