राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को तमिलनाडु के पांच जिलों में छापेमारी की. इस दौरान 10 स्थानों पर छापा मारा गया. एनआईए हिज्ब-उत-तहरीर मामले में कार्रवाई कर रही है. नेशनल एजेंसी अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों आरोपी हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े हैं और उसके सदस्य हैं. हिज्ब-उत-तहरीर एक अंतरराष्ट्रीय पैन-इस्लामिस्ट और कट्टरपंथी संगठन है. इसका मकसद है कि फिर से इस्लामिक खिलाफत को स्थापित किया जाए. साथ ही संगठन के सदस्य हिज्ब-उत-तहरीर के संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी द्वारा लिखे गए संविधान को लागू करना चाहते हैं.
भारत में इस्लामिक राज्य स्थापित करने की थी मंशा
एनआईए जांच में सामने आया कि हिज्ब-उत-तहरीर युवाओं को कट्टरपंथी विचारधाराओं में ढालता था. वह लोकतंत्र, भारतीय संविधान, कानून और न्यायपालिका को इस्लाम विरोधी बताता था. हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्य गुप्त सेंटर चलाते थे. एनआईए जांच मे सामने आया कि नए-नए ट्रेनियों और युवाओं को सिखाया जाता था कि भारत दारुल कुफ्र है. दारुल कुफ्र का अर्थ होता है- जहां गैर विश्वासी रहते हैं. उन्हें सिखाया जाता था कि यहां हिंसक जिहाद करके भारत में इस्लामिक राज्य की स्थापना की जाएगी. भारत को दारुल इस्लाम में बदलना हिज्ब-उत-तहरीर का कर्तव्य था.
लैपटॉप-मोबाइल छापेमारी के दौरान जब्त
छापेमारी के दौरान एनआईए को मोबाइल, सिमकार्ड, लैपटॉप और मेमोरी कार्ड मिला है. छापेमारी के दौरान कई सारे आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं, जिसमें हिज्ब-उत-तहरीर, खिलाफात, इस्लामिक स्टेट और उनकी विचारधारा से संबंधित किताबें और प्रिंटआउट मिले हैं. एजेंसी ने सब कुछ जब्त कर लिया है.
गिरफ्तार आरोपियों की हुई पहचान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों आरोपियों की पहचान हो गई है. उनका नाम- अब्दुल रहमान और मुजीबुर रहमान है. दोनों तंजावुर जिले के रहने वाले हैं. बता दें, मामले से जुड़ी पहली एफआईआर तमिलनाडु के मदुरै शहर के थिदीर नगर पुलिस थाने में दर्ज की गई थी.
Source : News Nation Bureau