आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी एनआईए ने पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार व्यापार से संबंधित एक मामले में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में 9 स्थानों पर संदिग्ध एलओसी व्यापारियों के परिसरों में तलाशी ली. एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों की सहायता से तलाशी ली गई. एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, तलाशी के दौरान संदिग्धों के परिसर से दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है. एनआईए ने दावा किया है कि इन फंडों का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था, इस मामले में आगे की जांच चल रही है.
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अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच से पता चला है कि अधिक आयात करने वाले कुछ व्यापारी आतंकवादी संगठनों से संपर्क बनाकर उन्हें लाभ पहुंचा रहे थे जबकि अन्य के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध होने का संदेह है". अधिकारियों ने कहा कि एनआईए ने 9 दिसंबर 2016 को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. एलओसी व्यापार वर्ष 2008 में जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के बीच विश्वास-निर्माण उपायों के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था. व्यापार एक वस्तु विनिमय प्रणाली पर आधारित था, क्योंकि तीसरे पक्ष के मूल सामान की अनुमति नहीं थी. तात्कालिक मामला सलामाबाद, उरी, जिला बारामूला और चक्कन-दा में स्थित क्रॉस-एलओसी ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर्स (टीएफसी) के माध्यम से कैलिफोर्निया बादाम और अन्य वस्तुओं के आयात के माध्यम से पाकिस्तान से भारत में बड़े पैमाने पर धन के हस्तांतरण से संबंधित है.
फंड ट्रांसफर को लेकर मिली थी सूचना
केंद्र सरकार को सूचना मिली थी कि सलामाबाद, उरी और चक्कन-दा-बाग में स्थित क्रॉस-एलओसी ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर्स (टीएफसी) के माध्यम से कैलिफोर्निया बादाम के आयात के जरिए पाकिस्तान से भारत में बड़े पैमाने पर फंड ट्रांसफर होता है. एलओसी ट्रेड 2008 में जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बीच विश्वास-निर्माण के उपाय के एक हिस्से के रूप में शुरू किया गया था.
HIGHLIGHTS
- दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक सामग्री बरामद
- आतंकी संगठनों से संपर्क बनाकर पहुंचा रहे थे उन्हें लाभ
- आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था फंड का इस्तेमाल