केरल में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत ने स्वास्थ्य मंत्रालय को सतर्क कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल में अलर्ट जारी करवा दिया है. इधर, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) भी इसपर अधिक जानकारी में जुट गया है. संस्थान ने वैक्सीन के लिए शुरुआती रिसर्च का काम भी शुरू कर दिया गया है. एक मीडिया हाउस से बात करते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने कहा कि हमारी टीम इस दिशा में काम शुरू कर दी है. जल्द ही वैक्सीन लाने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. 100 दिनों के भीतर इस बीमारी का टीका खोज लिया जाएगा.
हालांकि, उन्होंने कहा कि केवल 100 दिनों के भीतर किसी भी वैक्सीन को बनाना इतना आसान काम नहीं है और पूरी दुनिया इसपर काम कर रही है. साथ ही एक वैक्सीन लाइब्रेरी बनाने की भी सोच है, जिससे कि अगर कोई नई बीमारी आती है तो जल्द से जल्द उसका वैक्सीन तैयार किया जा सके. बता दें कि केरल में निपाह वायरस ने पांच लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. पीड़ितों को जांच सैंपल पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में भेजा गया था. इसमें दो लोगों की मौत हो गई. वहीं, तीन लोगों में वायरस का खुलासा हुआ था.
यह भी पढ़ें: संसद के विशेष सत्र से कांग्रेस को क्यों है डर, जानें मोदी सरकार कब बताएगी एजेंडा?
बेहद खतरनाक है निपाह वायरस
केरल सरकार ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, निपाह वायरस के प्रकोप के देखते हुए बीएसएल थ्री मोबाइल (बायोसेफ्टी लेवल-3) लैब को केरल भेजा गया है, ताकि समय की बचत होगी और जल्द से जल्द वायरस के बारे में पता चलेगा. आईसीएमआर के महानिदेशक राजीव बहल ने कहा कि ‘निपाह एक जुनोटिक वायरस है, जो कि फ्रूट बैट से आया है. सबसे पहले मलेशिया में ये आया था. उसके बाद भारत और बंगलादेश में कई केस सामने आए हैं. महानिदेशक बहल ने बताया कि यह वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है. क्योंकि कोरोना में 2 से 3 प्रतिशत लोगों की मौत हुई, जबकि इसमें 40-70 प्रतिशत तक मौत के मामले सामने आए हैं. अभी तक भारत में दो, चार या पांच तक केस हुए हैं. पहली बार भारत में छह केस हुए हैं,
Source : News Nation Bureau