डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया है। नीरव मोदी समूह की कंपनी फायरस्टार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड पर गलत तरीके से विदेश में मोती और हीरों के आयात और निर्यात की शिकायत दर्ज है। अवैध रूप से ज्वैलरी के डायवर्जन की लागत 890 करोड़ रूपये बताई जा रही है।
नीरव मोदी के खिलाफ यह केस डीआरआई की मुंबई जोनल युनिट ने दर्ज कराया है। डीआरआई का कहना है कि हीरों को गलत तरीके से विदेश से मंगाया गया है लेकिन उन पर निर्धारित टैक्स नहीं चुकाया गया है। इस सिलसिले में नीरव मोदी और तीन अन्य कंपनियों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
डीआरआई ने कहा, 'जांच के मुताबिक हमने एसईजेड इकाइयों में हीरे और मोती के स्टॉक वैल्यू में एक अंतर का पता लगाया है, जिसकी तुलना में वास्तविक मूल्य निर्धारित किया गया है। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि इन वस्तुओं के कुछ शेयर को घरेलू टैरिफ क्षेत्र में ले जाया गया है।'
और पढ़ें: इराक में मारे गए भारतीयों के परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी दे केंद्र और राज्य सरकार : कांग्रेस
सूरत एसईजेड के मामले का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, 'दस्तावेजों की जांच से पता चला कि लगभग 890 करोड़ रुपये की कीमत का सामान, जिसमें करीब 52 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी की चोरी भी शामिल है, जिसे एसईजेड इकाइयों के माध्यम से इधर-उधर किया गया है।'
अधिकारी ने कहा, 'डीआरआई वस्तुओं की सही मात्रा का पता लगा रही है जो इस साल इधर-उधर की गई है।'
आपको बता दें कि डीआरआई ने साल 2014 में सूरत में नीरव मोदी समूह की तीन एसईजेड कंपनियों (फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, फायरस्टार इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और राधाशिर ज्वैलरी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड) के खिलाफ कस्टम ड्यूटी की चोरी का मामला दर्ज किया था और इसके खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत मुकदमा चलाया था।
और पढ़ेंः इराक में भारतीयों की मौत को लेकर सुषमा ने लगाया कांग्रेस पर घटिया राजनीति का आरोप
Source : News Nation Bureau