तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दिए जाने की तारीख तय हो चुकी है. इन चारों दोषियों को 1 फरवरी को फांसी दे दी जाएगी. हालांकि मुकेश को छोड़कर बाकी तीनों में से किसी ने भी अगर राष्ट्रपति के नाम दया याचिका दे दी तो इनकी फांसी रुक सकती है. लेकिन इसके लिए उन्हें 31 जनवरी दोपहर 12 बजे से पहले दया याचिका देनी होगी. अगर तीनों दोषियों ने इस 12 बजे के समय को पार कर दिया तो फिर दया याचिका का कोई मतलब नहीं होगा और अगली सुबह यानी 1 फरवरी को सुबह 6 बजे इन्हें फांसी दे दी जाएगी.
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कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो तीनों दोषियों को 28-29 फरवरी की रात 12 बजे से 1 फरवरी की सुबह तक फंदे पर लटकाने के लिए 78 घंटे बाकी है लेकिन इन दोषियों के पास खुद को बचाने के लिए केवल 60 घंटे ही बचे हैं.
वहीं दूसरी तरफ आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट मुकेश द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें उसनें राष्ट्रपति की तरफ से उसकी दया याचिका को खारिज करने को चुनौती दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तिहाड़ जेल सूत्रों का कहना है कि सामान्य स्थिति में सुप्रीम कोर्ट इस याचिका को भी खारिज कर देगा लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट ने 1 फरवरी या उससे आगे की तारीख के लिए सुनवाई टाल दी तो भी फांसी पर रोक लग सकती है.
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किन-किन परिस्थितियों में होल्ड होगी फांसी?
जेल प्रशासन की मानें तो अगर फांसी की डेट फाइनल हो गई है तो ऐसा नहीं है कि दोषी जब चाहें क्यूरेटिव याचिका लगा सकते हैं. दरअसल जेल मैन्युल के हिसाब से अगर दोषियों ने क्यूरेटिव याचिका दायर कर भी दी तो भी फांसी नहीं रुकेगी लेकिन उसके लिए कोर्ट को फांसी के लिए तय तारीख से पहले उस पर फैसला लेना होगा. वहीं फांसी पर होल्ड केवल दया याचिका दायर करने पर ही लग सकता है लेकिन उसके लिए भी दोषियों के पास 31 जनवरी दोपहर 12 बजे तक का समय है.